ललितपुर। जनपद में मिशन जलजीवन के तहत “हर घर नल योजना” अंतर्गत जनपद की सभी ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य इस योजना का काम शुरू किया गया था। जिसके तहत 15 परियोजनाओं का काम शुरू होते ही चार कार्यदायी संस्थाओं को नामित कर इन योजनाओं का शुभारंभ बड़े जोर शोर से किया गया था । जिनमें से 3 कार्यदायी संस्थाएं तो बड़े ही लगन और मेहनत से काम कर रही है और हर घर तक नल योजना पहुंचाने में कामयाबी हो रही है ।लेकिन 5 परियोजनाओं के लिए नामित की गई गायत्री नामक कंपनी काम नहीं कर पाई और पांचों परियोजनाओं का कार्य लंबित होने लगा। जिसके परिपेक्ष्य में कार्यदायी संस्था को कई नोटिस जारी किए गए। लेकिन कंपनी के अधिकारी कर्मचारियों ने मामले को संजीदगी से नहीं लिया, जिसका परिणाम यह हुआ कि इस कंपनी को लचर कार्यप्रणाली के चलते जनपद में ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। लेकिन कंपनी के ब्लैक लिस्टेड होने से निर्माणाधीन परियोजना का काम पूर्ण रूप से बंद हो गया और 5 परियोजनाएं लंबित पड़ी रहीं। लेकिन अब शासन के प्रयास से जिला प्रशासन को एक नई कंपनी उपलब्ध कराई गई, जो अब गायत्री द्वारा अधूरे छोड़े गए प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूर्ण करेंगी। गायत्री द्वारा लंबित छोड़ी गई 5 परियोजनाओं को 2 माह में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि कंपनी के अधिकारी कर्मचारी जनपद पहुंच चुके हैं और सर्वे का काम भी शुरू हो चुका है। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि अधूरे काम को 2 माह में पूर्ण कर लिया जाएगा। हालांकि घर-घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने में ध्वस्त विद्युत आपूर्ति बाधित बन रही है। इसके लिए भी विभाग के अधिकारियों को रोस्टर के तहत कार्य करने की हिदायत दी गई है और साथ ही ग्रामीण इलाकों में रोस्टर निर्धारित करने के लिए निर्देशित किया गया है ताकि समय अनुसार विद्युत उपलब्ध हो सके और घर-घर तक पानी पहुंचाया जा सके।
मिली जानकारी के अनुसार “मिशन जल जीवन” के तहत “हर घर जल” योजना के अंतर्गत जनपद के सभी ग्रामीण और कस्बों के इलाके में प्रत्येक घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के उद्देश्य शासन द्वारा करोड़ों की परियोजनाएं संचालित की गईं थी, जिसके लिए चार कंपनियों को काम करने के लिए नामित कर ठेका दिया गया था। लेकिन इन कार्यदाई संस्थाओं में से गायत्री नामक कंपनी काम नहीं कर सकी और इसके ब्लैक लिस्टेड होने के कारण जनपद की पांच परियोजनाएं लंबित पड़ी हुई थी। लंबित परियोजनाओं में लागौन, कचनोंदा कला, धौर्रा- बालाबेहट जाखलौन-बिरधा और खड़ेरा-मऊ परियोजनाएं शामिल हैं। लेकिन शासन के प्रयासों से अब इन परियोजनाओं को पूर्ण कर घर-घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने की जिम्मेदारी नई कंपनी “सुधाकरन एजेंसी” को सौंपी गई है। यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि सुधाकरन एजेंसी के कर्मचारी जनपद आ चुके है और ओके सभी परियोजनाओं का सर्वे भी शुरू हो गया है उम्मीद जताई जा रही है कि लगभग 10 से 15 दिनों में पांचो लंबित परियोजनाओं का काम शुरू हो जाएगा। फिलहाल जनपद के 233 गांवों में शुद्ध पेयजल पहुंच रहा है । हालांकि कहीं-कहीं पाइप लाइन के लीकेज और क्षतिग्रस्त होने की खबरें भी है, लेकिन संबंधित को नोटिस जारी कर सभी पाइपलाइन को सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन ध्वस्त विद्युत आपूर्ति के चलते स्वच्छ पेयजल वितरण में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बैठक में दिए दिशा निर्देश
इसके संबंध में मंडलायुक्त के साथ बैठक हुई थी जिसमें सभी नामित कंपनियों को अपना अपना काम जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं । इसके साथ ही बाधित विद्युत आपूर्ति के कारण शुद्ध पेयजल पहुंचाने में बाधा उत्पन्न होने की भी शिकायत की गई थी। जिस कारण इस बैठक में विद्युत विभाग के आला अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ग्रामीण इलाकों में रोस्टर निर्धारित किया जाए और रोस्टर के अनुसार ही विद्युत सप्लाई प्रदान की जाए, ताकि विद्युत मोटर चला कर हर घर तक शुद्ध जल पहुंचाने का कार्य किया जा सके। इस बैठक में विद्युत विभाग के अधिकारियों को आगामी 15 दिनों में विद्युत आपूर्ति को सुचारू करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने में किसी भी प्रकार की बाधा का सामना ना करना पड़े।