मुख्य सचिव ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ हीटवेव से बचाव के लिए तैयारी और प्रबंधन की समीक्षा की
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मुख्य सचिव ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ हीटवेव से बचाव के लिए तैयारी और प्रबंधन की समीक्षा की

मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ हीटवेव से बचाव के लिए तैयारी और प्रबंधन की समीक्षा की।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि मौसम विभाग के मुताबिक 25 अप्रैल से 28 अप्रैल तक हीट वेव से उत्तर प्रदेश के अधिकांश जनपद प्रभावित होंगे। इसका प्रभाव आम जनमानस के साथ पशु-पक्षियों पर पड़ेगा। इस दौरान जनपद स्तरीय अधिकारी अलर्ट रहें। संबंधित विभागों द्वारा आपसी समन्वय से आवश्यक कदम उठाये जायें। कहीं भी पानी की किल्लत नहीं होनी चाहिये। हीट वेव से बचाव के लिए जारी एडवाइजरी का प्रभावी ढंग से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये। हीट वेव के दौरान श्क्या करें और क्या न करेंश् इस बारे में समाचार पत्र, टेलीविजन, रेडियो और सोशल मीडिया आदि प्रचार माध्यम से आमजन को जागरूक किया जाये। हीट वेव से प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने कहा कि सभी हैंडपम्प को क्रियाशील रखा जाए। ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाओं का सुचारू संचालन किया जाए। पशु-पक्षियों के लिए तालाबों व अन्य जलस्रोतों को पानी से भरवा दिया जाये। गौशालाओं में भी पर्याप्त मात्रा में जल की उपलब्धता रहे। पक्षियों के लिए छोटे बर्तनों में पानी एवं दाना रखने के लिए आम जन को करें जागरूक करें। हीट वेव के संबंध में स्कूली बच्चों को जागरूक किया जाये। आगजनी की घटना होने पर अधिकारी मौके पर अवश्य पहुंचे, ताकि उन्हें एहसास हो कि इस संकट की घड़ी में शासन-प्रशासन उनके साथ है। जंगल में आगजनी की घटनाये न हो इसके लिए वन विभाग के कर्मियों को सेंसटाइज किया जाये। अनावश्यक बिजली कटौती न की जाये और फाल्ट होने पर उसे अविलम्ब ठीक कराया जाये।
उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ियों में ओआरएस के पैकेट, आवश्यक दवाइयां, आईस पैक और जीवन रक्षक औषधियों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता रहे। इसके अलावा ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों, सीएचसी और पीएचसी जहां एसी और कूलर की व्यवस्था है, वहां इसके लिए डेडिकेटिड वार्ड अथवा बेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें हीट स्ट्रोक रूम के रूप में प्रयोग किया जा सके। उन्होंने सभी श्रेणियों के स्वास्थ्यकर्मियों को हीट स्ट्रेस डिसऑर्डर, रोकथाम और प्रबंधन के लिए जागरूक करने लिए भी कहा।
उन्होंने कहा कि 84 व पंचकोसी परिक्रमा के दौरान रास्ते में तथा सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ लगवाये जाये। बाजार में व मुख्य मार्गों पर जगह-जगह पेयजल की व्यवस्था हो। इस कार्य में सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों का सहयोग लिया जाये।
उन्होंने कहा कि विवाह कार्यक्रमों आदि में फूड प्वाइजनिंग की घटनाएं न हो, इसके लिये होटल एवं गेस्ट हाउस संचालकों से संपर्क करके उन्हें सेंसटाइज किया जाये और उनसे ताजा खाना परोसने के लिये कहा जाये।
बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री प्रशांत कुमार समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारिगण सहित झांसी एनआईसी कक्ष में मण्डलायुक्त श्री बिमल कुमार दुबे, जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी श्री जुनैन अहमद आदि उपस्थित रहे।