बिजावर जनपद पंचायत की कार्य शैली पर सवालिया निशान
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बिजावर जनपद पंचायत की कार्य शैली पर सवालिया निशान

शरद अग्रवाल जिला ब्यूरो चीफ छतरपुर
छतरपुर/बिजावर जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायतो में गड़बड़ी की शिकायते जारी है। बगैर काम करवाए राशि निकाल लेने के नित नए मामले सामने आ रहे हैं। मानो भ्रष्टाचार में एक दूसरे को मात देने की होड़ लगी हुई हो । कुछ ही समय पहले ग्राम पंचायत कुपी में सचिव के हस्ताक्षर करवाए बगैर करीब 56 लाख रुपए निकालने का मामला उजागर हुआ था । तो इसी पंचायत में काम करवाए बगैर 30 लाख रुपए की राशि निकाल ली गई थी । मामला उजागर होने पर काम करवाया जाने लगा । इस सेक्टर की की कई पंचायतो में फर्जी भुगतान के गंभीर आरोप है। इस सेक्टर में उपयंत्री अजय कोरी पदस्थ है । जिन पर गड़बड़ी के कई आरोप लग चुके हैं। अब अन्य मामले भी सामने आए हैं । सीएम हेल्पलाइन में की गई विभिन्न शिकायतों के अनुसार क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतो में काम करवाए बगैर राशि निकाली जा रही है । कई जगह जेसीबी मशीन से मनरेगा के कार्य हो रहे हैं । ग्राम पंचायत के कर्मचारी अपने परिजनों को योजनाओं का अवैध लाभ दिला रहे हैं।
इन शिकायतों से स्पष्ट हो जाता है कि बिजावर जनपद पंचायत क्षेत्र में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। इसमें गौरतलब यह भी है की गड़बड़ी की शिकायतों पर विभाग केवल नोटिस नोटिस खेलता रहता है। दोषियों पर कार्यवाही करने की बजाय उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाता है।

सीएम हेल्प लाइन मामले में जनपद पंचायत सीईओ ने बिजावर जनपद पंचायत क्षेत्र के सभी 6 उपयंत्रियों को नोटिस जारी कर सीएम हेल्पलाइन में लंबित सभी 43 शिकायतों का निराकरण करवाने के निर्देश अप्रैल माह के पहले सप्ताह में दिए थे। इसमें भी रोचक यह है की शिकायत के समाधान की बजाय शिकायत बंद करवाने पर जोर दिया जा रहा है । नोटिस में लेख किया गया था कि अगर शिकायतों का उपयंत्री निराकरण नहीं करते हैं तब की स्थिति में जनपद पंचायत का दल गठित कर शिकायत की जांच करवाई जाएगी । यानी अगर शिकायत बंद हो जाती है तो फिर जांच नहीं करवाई जाएगी। इस तरह अधिकारी स्तर पर मिलीभगत कर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के आरोप है।
इसी के तहत उपयंत्रियों ने शिकायत कर्ताओं पर दबाव डालकर कई शिकायते बीते सप्ताह बंद भी करवाई है ।
सीएम हेल्पलाइन में

रामनरेश गर्ग द्वारा शिकायत की गई थी कि ग्राम पंचायत मोतीगढ़ के रोजगार सहायक कोमल चंद्र अहिरवार ने अपने पिता मुरलीधर अहिरवार के नाम से एक तालाब स्वीकृत करवा दिया। मनरेगा के इस तालाब का कार्य भी जेसीबी से करवा दिया । साथ ही वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 में भी अनेक कार्य करवाए बगैर ही फर्जी भुगतान निकाला गया है । तो इसी पंचायत की अनूप दुबे द्वारा की गई शिकायत के अनुसार मुरलीधर अहिरवार के नाम फिशिंग तालाब स्वीकृत कर दिया गया । इसका कार्य भी जेसीबी से हुआ । फर्जी मस्टर रोल से राशि निकाल ली। जबकि मुरलीधर के नाम से पहले से ही खेत तालाब स्वीकृत हो चुका । इसी हितग्राही को नंदन फल उद्यान का स्वीकृत कर राशि निकाल ली और मौके पर कोई कार्य नहीं है। इसी पंचायत के सरवन अहिरवार में शिकायत कर बताया की ग्राम पंचायत में मशीनों से कार्य हो रहा है । मजदूरों से मजदूरी नहीं करवाई जा रही ।
तो ग्राम के अंकित मिश्रा और अशोक मिश्रा ने भी पशु शेड, खेत तालाब आदि कार्यों में फर्जी भुगतान करने की शिकायत की है।
तो ग्राम पंचायत शाहगढ़ के जालिम अहिरवार ने शिकायत कर बताया कि उसके गांव में तालाब स्वीकृत किया गया था लेकिन तालाब बनवाए बगैर राशि निकाल ली गई ।तो ग्राम अमरपुरा के रामसेवक शुक्ला ने शिकायत कर बताया कि पशु शेड की राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है । यही शिकायत इसी गांव के रामसेवक कुशवाहा ने की है।
तो गिरधारी लाल ने शिकायत की है कि ग्राम पंचायत नगदा में पेरीफियल स्टोन बंड निर्माण के दौरान जंगल से पत्थर उठाकर लगा दिए गए और पत्थर खरीदने के बिल लगाकर सचिव, सरपंच और उपयंत्री ने सांठ गांठ कर राशि निकाल ली।
इसी तरह सीएम हेल्पलाइन में की गई एक अन्य शिकायत के अनुसार ग्राम पंचायत किशनगढ़ में मनरेगा सीटीआर परकुलेशन टैंक निर्माण में भी फर्जी मजदूर डिमांड डालकर गलत तरीके से राशि निकाल ली । यहां पर जेसीबी मशीन से कार्य हुआ और मस्टर रोल पर फर्जी मजदूर दर्शाकर राशि निकाल ली गई ।
ग्राम मतिपुरा के राम बहादुर यादव ने शिकायत की है कि उसके द्वारा सामुदायिक भवन में कार्य किया गया था । जिसके 1 लाख 20 हजार रुपए का उसका भुगतान नहीं हो रहा है। ग्राम नंदगांय बट्टनन के हरिचरण यादव ने शिकायत की है कि मनरेगा के तहत उसके खेत में तालाब खोदा गया उसके भुगतान की एवज में उससे ₹3000 ले लिए। लेकिन उसकी राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत लखनगुवा में निर्देश सिंह यादव ने शिकायत की है कि उसने 4 माह पहले जेसीबी मशीन चलाई थी जिसका भुगतान उसको नहीं मिल रहा है।
इसके अलावा ग्राम पंचायत बाकी गिरोली एरोरा,लुहरपुरा, महुआझाला, जैतपुर, झरकुवा ,बिहरवारा, कदवारा, गोपालपुरा, बिलगाय, कुपिया, लखनगुवा, हटवाहा आदि ग्राम पंचायतो में मजदूरी भुगतान, प्रधानमंत्री आवास योजना, पशु शेड संबंधी शिकायते की गई है।
सीएम हेल्पलाइन में कुछ शिकायत तो करीब 11 माह पुरानी तक लंबित थी। इनमें एल 4 की 14 शिकायते, एल 3 की 10, एल 2 की 2 और एल 1 की 17 शिकायते थी।
उपयंत्री विकास श्रीवास्तव के सेक्टर की सबसे ज्यादा 9 शिकायत, उपयंत्री अजय कोरी,सत्येंद्र तिवारी और स्वाति शुक्ला के सेक्टर की आठ आठ शिकायते, उपयंत्री एम सी लोधी के सेक्टर की पांच , उपयंत्री हरिश्चंद्र नायक के सेक्टर की 3 और उपयंत्री सत्येंद्र तिवारी के पास एक और सेक्टर है जिसकी दो शिकायतें 5 अप्रैल की स्थिति में लंबित थी। इनमें से कई जगह की शिकायतों का संबंध या आरोप उपयंत्रियों पर ही है। क्योंकि जेसीबी से कार्य करवाए जाने के बावजूद अथवा कार्य करवाए बगैर भुगतान होने में उपयंत्रियों की प्रमुख भूमिका है।
हालांकि नोटिस मिलने के बाद उपयंत्रियों ने सरपंच,सचिव और रोजगार सहायक के साथ मिलकर कई जगह की शिकायत बंद करवाई है। हालांकि अभी भी कई गंभीर शिकायते लंबित है।