पटाखा फैक्ट्री का एफएसएल अधिकारी ने किया निरीक्षण कल हुआ था विस्फोट, खड़े हुए सवाल
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पटाखा फैक्ट्री का एफएसएल अधिकारी ने किया निरीक्षण कल हुआ था विस्फोट, खड़े हुए सवाल

शरद अग्रवाल दैनिक बुंदेलखंड बुलेटिन जिला ब्यूरो चीफ छतरपुर
छतरपुर/हरपालपुर। टीकमगढ़ जिले के एफएसएल अधिकारी डॉ प्रदीप यादव ने कल हरपालपुर नगर में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के बाद घटनास्थल का निरीक्षण किया और उन्होंने इसकी जांच के लिए बीडीएस टीम की अनुशंसा की है ।
हरपालपुर से पत्रकार पुष्पेंद्र सिंह पायक से प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉक्टर प्रदीप यादव ने बताया की बुधवार को छतरपुर जिले के हरपालपुर नगर में स्थित एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया था और यह पटाखा फैक्ट्री शहर के बीचों-बीच बस्ती में चलाई जा रही थी उन्होंने बताया कि इस फैक्ट्री का लाइसेंस 2011 में निरस्त हो गया था लेकिन यह लगातार चल रही थी और इसमें पटाखे बनाए जा रहे थे जिस समय विस्फोट हुआ सूचना मिलने पर उन्होंने भी मौके का निरीक्षण किया जिसमें विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है क्योंकि विस्फोट से जुड़ा हुआ मामला था इसलिए उन्होंने छतरपुर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को अपनी रिपोर्ट भेज दि है रिपोर्ट में कहा है कि यह पूरा मामला बीडीएस टीम से जुड़ा हुआ है और बीडीएस टीम को मौके पर बुलाया जाना उचित है यह टीम पूरी विस्फोटक की जांच करके पता कर पाएगी कि कौन सा विस्फोट था और पटाखों में को भरने में कौन सा बारूद यूज किया जाता था

पुलिस ने पलट दी कहानी

हरपालपुर पुलिस ने इस पूरी घटना को ही अपनी एफ़ आई आर में पलट दिया है पटाखा फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी पटाखा फैक्ट्री बता रहे हैं वहीं पुलिस अपनी एफ़ आई आर में पटाखा गोदाम बता रही है आखिरकार पुलिस ने ऐसा गेम क्यों खेला जो लोगों की समझ से परे है बुधवार की दोपहर विस्फोट होता है इसके बाद पुलिस शाम के समय इस मामले में सियासरन और पुरुषोत्तम के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत मामूली धाराओं में मामला दर्ज करती है।
फरियादी काकुनपुरा चौकी प्रभारी राजेंद्र बागरी उपनिरीक्षक है जो लिखते हैं कि मैं दिन में अपने आरक्षक साथियों के साथ लहचुरा का रोड पर गश्ती कर रहा था तभी उन्हें सूचना मिली की गलान रोड पर विस्फोट हुआ है वहाँ पर जाकर पता किया तो पता चला कि यह पटाखे का स्टोर बनाया गया था जब वह पहुंचे तो उसके बाद लोगों से जनाकारी ली। एसडीएम ,तहसीलदार और पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे फरियादी सब इंस्पेक्टर राजेंद्र बागरी ने लिखा है कि वहां 12 बोरे पटाखा बरामद किए गए हैं इसके साथ ही कुछ और पटाखे बरामद किए गए हैं लेकिन पटाखा फैक्ट्री का कोई जिक्र नहीं है ।जबकि मीडिया के हाथ वह वीडियो भी लगे हैं जिसमें इसी फैक्ट्री में घटना के पहले महिलाएं पटाखा बना रही है और घटना के समय फैक्ट्री से बाहर निकले मजदूर ने भी पटाखा बनाने की बात कही थी। पटाखा फैक्टरी आसपास रहने वाले लोग भी कह रहे थे कि यहाँ पटाखा बनाने का काम चल रहा था। लेकिन पुलिस ने इस बात को अपनी एफ़ आई आर में नकार दिया है जिसको लेकर के कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

हरदा कांड के बाद प्रशासन ने किया था निरीक्षण

मध्य प्रदेश के हरदा में 6 फरवरी 2024 को पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ था जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले की जांच के लिए हर जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पटाखा फैक्ट्री की जांच करने के निर्देश दिए थे इसी क्रम में नौगांव तहसीलदार संदीप तिवारी द्वारा उस समय इस फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया था लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं हुई थी और वर्तमान में अभी भी संदीप तिवारी तहसीलदार के पद पर कार्यरत है स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि नगर पंचायत प्रशासन और पुलिस प्रशासन और राजस्व विभाग के संरक्षण में यह अवैध फैक्ट्री संचालित हो रही थी वही अधिकारी भी रटा रटाया जवाब दे रहे हैं एसडीएम कहती है कि अभी मामले की जांच चल रही है

सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि हरदा विस्फोट के बाद नौगांव तहसीलदार ने इसी फैक्ट्री की जांच की थी लेकिन कार्यवाही क्यों नहीं हुई ? बस्ती के बीच अवैध फैक्ट्री किसके सहयोग से संचालित हो रही थी? क्या इसकी पुलिस और नगर पालिका प्रशासन को जानकारी नहीं थी अगर थी तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई ?क्या इन अधिकारियों ने चंद्र रूपों की खातिर अपना जमीर बेचकर हजारों लोगों की जिंदगी दांव पर लगा दी थी ?यह वह सवाल है जिसके छतरपुर जिला प्रशासन को जवाब देना होंगे ?