दशलक्षण के अंतिम दिन उमड़ा जनसैलाब
रिपोर्ट-शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय
गुरसरांय(झाँसी)।दिगंबर जैन मंदिर व आदिनाथ जिनालय में सुबह महिला और पुरुषों ने अभिषेक व शांति धारा कर देव शास्त्र गुरु 10 लक्षण धर्म की पूजा संपन्न की और विधान किया इसकी उपरांत मुनि श्री 108 विलोक सागर जी महाराज ने परिग्रह का त्याग कर शुद्ध आत्मा में रमन कर उत्तम किंचित धर्म है,उत्तम किंचित धर्म हमें भौतिक वस्तुओं से निलिप्त होकर आंतरिक शांति एवं संतोष प्राप्त करने की प्रेरणा देता है,सांसारिक वस्तुओं के साथ अपनेपन का संबंध समाप्त कर देता है,वह आत्मा में लीन हो जाना उत्तम किंचित धर्म है,अपने पन व भाव संसार भ्रमण का कारण हैl वही जैन समाज के महिला पुरुषों ने संगीत पर नेत्र कर भक्ति भाव से पूजा की वही मुनि श्री के पाग पंक्षालन का सौभाग्य अजय सिघई सिंधई परिवार को हुआlदिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष चक्रेश जैन ने कहा कि दिनांक 18 तारीख को 12 बजे दिगंबर जैन बड़ा मंदिर से श्रीजी की शोभायात्रा निकाली जाएगी और शाम को उत्तम क्षमा वाणी पर मनाया जाएगा। इस अवसर पर निहेल सिंघई,चक्रेश जैन,सुनील जैन डीकू,दीपक जैन नुनार सहित सैकड़ों धर्मप्रेमी बंधु उपस्थित रहे।