ज़मीन की ठगी करने वालों पर नहीं हो रही कार्यवाही पीड़ित एक हफ़्ते से पुलिस प्रशासन के लगा रहा चक्कर
रिपोर्ट- देवेंद्र सिंह राजपूत ब्यूरो चीफ हमीरपुर
राठ (हमीरपुर)। बीते एक सप्ताह से क़स्बा राठ निवासी जगत सिंह राजपूत ने अवैध प्लाटिंग करने वाले संगठित गिरोह के द्वारा उसके साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी हमीरपुर सहित राठ कोतवाली में लिखित तहरीर देकर लोगों के ख़िलाफ़ धोखाधड़ीं व एक राय होकर घर मैं घुसकर शिकायत वापस लेने को लेकर जानसे मारने की धमकी देने का मुक़दमा पंजीकृत कराने के लिए कोतवाली राठ में तहरीर दी थी। लेकिन कोतवाली पुलिस द्वारा अभी तक मुक़दमा पंजीकृत नहीं किया गया। जिससे पुलिस की कार्य शैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पीड़ित जगत सिंह लोधी ने बताया की भूमाफ़ियों के प्रभाव मैं पुलिस मुक़दमा लिखने मैं आना कानी कर रही है। वही अपराधी खुलेआम घूम रहे है और पीड़ित पर राजीनामा करने और शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे है। जिस कारण पीड़ित भयभीत है। क़स्बा राठ स्थित भूमाफ़ियों द्वारा अधिकतर प्लाट या कॉलोनी बसायी जा रही है। इसमें ज्यादातर कॉलोनी या प्लाटिंग की जा रही है, कोई भी नियमानुसार कार्य नहीं कर रहे है। अफ़रोज़ एंड कंपनी द्वारा जिस ज़मीन की प्लाटिंग की जा रही है, धारा 80 के तहत परमीशन नहीं है। और ना ही इनका रेरा एक्ट 2016 के तहत पंजीयन है और नियमों का पालन किया जाता है तो ग्राहकों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी नहीं हो पाती। पूरे राठ क़स्बे मैं इस तरह से भूमाफियाओं द्वारा शासन को करोड़ों रुपये का चुना लगाया जा रहा है। इसी कारण भोले भाले लोगों को ऐसे गिरोह ठगने का लगातार काम कर रहे है। वही पीड़ित जगत सिंह लोधी का कहना है कि अगर मुक़दमा पंजीकृत नहीं हुआ तो अपनी शिकायत लेकर मुख्यमंत्री जनता दरबार मैं जाऊँगा। कोतवाली प्रभारी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
ये है रियल स्टेट कारोबारियों के लिये नियम
यदि किसान या रियल स्टेट कारोबारी औद्योगिक वाणिज्यक व आवासीय प्रयोजन के लिये कृषि वाली ज़मीन का प्रयोग करता है, तो उसे धारा 80 के तहत उपजिलाधिकारी महोदय से परमीशन कराना आवश्यक होगा। आवासीय प्लाटिंग करने हेतु आपको रेरा एक्ट 2016 के अन्तर्गत अपना पंजीयन कराकर लाइसेंस लेना होता है। यदि ज़मीन टाउनशिप के अंदर या लगा हुआ क्षेत्र है तो सबसे पहले अपनी प्लाटिंग का नक़्शा पास कराना होगा और शुल्क जमा करके अगर उपरोक्त सभी नियम पूरे नहीं है तो वो अवैध प्लाटिंग मानी जाएगी।