स्वास्थ्य विभाग के भवन निर्माण में धीमी गति से काम होने से विकास का थमा पहिया
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स्वास्थ्य विभाग के भवन निर्माण में धीमी गति से काम होने से विकास का थमा पहिया

रिपोर्ट-शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय

गुरसरांय(झांसी)। विकास पर ब्रेक लगा रहे हैं ठेकेदार मामला गुरसरांय स्वास्थ्य केन्द्र का है जहां वमुश्किल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के प्रयास से सरकार ने गुरसरांय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में लैब के लिए भवन निर्माण हेतु स्वीकृति के साथ धन आवंटित कर काम का ठेका कार्यदायी संस्था द्वारा ठेकेदार को दिया गया है लेकिन ठेकेदार द्वारा महीनों गुजर जानें के बाद भी कार्य निर्माण की गति पूरी तरह धीमी पड़ी हुई है जिससे स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तारीकरण पर ब्रेक लग रहा है और सरकार की योजना का लाभ आम जन को समय से मिलने की उम्मीद पूरी तरह खत्म होती दिख रही है इस सम्बन्ध में मीडिया ने सम्बन्धित ठेकेदार से फोन से बात की तो वह भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए और मौके पर काम कराने ठेकेदार या उसका अधिकृत व्यक्ति नहीं है काम के नाम पर दो चार श्रमिक काम करते कभी-कभी दिखते हैं इससे केन्द्र और राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तारीकरण के लिए लाखों रुपया खर्च करने के बाद भी समय से काम न होना कार्यदायी संस्था द्वारा मॉनिटरिंग न करने के चलते विकास को अवरूद्ध किए हुए का संदेश दे रहे हैं कस्बा व क्षेत्र के जागरुक लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर सम्बन्धित विभाग के आला अधिकारियों इस काम में तेज गति और गुणवत्तापूर्ण काम कराने की मांग की है ताकि सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं का तीव्र गति से जन-जन को लाभ मिल सके।

बिल्डिंग निर्माण कराने वाली संस्था पर उठे सवाल

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गुरसरांय में बिल्डिंग निर्माण कराने वाली संस्था के अधिकारियों (टेक्निकल) और ठेकेदारों की मिलीभगत पर लगातार सवाल पर सवाल उठ रहे हैं अभी एक वर्ष पहले बनाए गए एक हॉल लाखों रूपए खर्च करने के बाद भी उसकी दीवार जगह जगह फटने लगी है और कार्यदायी संस्था ने अभी तक ठेकेदारों से लेकर सम्बन्धित विभाग के अभियंताओं पर कोई कार्यवाही न करना निश्चित तौर पर बड़े पैमाने पर मिलीभगत कर घपला का संकेत मिल रहा है और वर्तमान में भी जो बिल्डिंग बनाई जा रही है वह भी समय से बनने की उम्मीद नहीं है अब देखना है जो यह बिल्डिंग एक साल पहले बनी थीं जगह-जगह फट गई है विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही होती है या फिर सरकार की योजनाओं का धन लूटने के चक्कर में मजाक उड़ाया जा रहा है।