भारी भरकम धन खर्च के बाद भी योजनाएं मौके पर क्यो तोड़ रही हैं दम?
रिपोर्ट-शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय
गुरसरांय(झाँसी)। तालाब माता मंदिर के पास गुरसरांय के ऐतिहासिक तालाब के सौंदरीकरण व गहरीकरण के लिए शासन द्वारा 2 करोड़ रूपया स्वीकृत हुआ था लेकिन यहाँ पर जल संरक्षण से लेकर सौंदरीकरण का काम धरातल पर दम तोड़ते नजर आ रहा है, जिससे पूरे गुरसरांय कस्बे को जल संकट से गुजरना पड़ सकता है क्योंकि तालाब पूरा खाली पड़ा हुआ है और कई हफ्तों से कार्यदायी संस्था व ठेकेदारों द्वारा कभी धीमी गति से तो वतर्मान में पूरी तरह काम बंद कर दिया है। जिससे तालाब खाली होने के चलते पूरे गुरसरांय नगर का जल स्तर गिर गया है,और भयावह स्थिति पेयजल से लेकर रोजमुर्रा के लिए जल किल्लत बढ़ गयी है। इस संबंध में जन जागरण सेवा संस्थान ने जिलाधिकारी को इस काम मे हो रही अनियमितताओं से लेकर अतिक्रमण हटाने को लेकर उच्च न्यायालय के निर्देशों का व शासन के आदेशों का गाइडलाइन का हवाला दिया था। व ज्ञापन के माध्यम से इस संबंध में जल्द कार्यवाही की मांग की थी।लेकिन एक हफ्ते से अधिक समय बीत जाने के बाद भी प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही न करना तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा इस संबंध में सक्रिय कदम न उठाना लग रहा है कि प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं को जानबूझकर लटकाया जा रहा है,और करोड़ों रुपया का यह खेल कुछ और ही बयान कर रहा है। जिससे गुरसरांय समेत पूरे गरौठा क्षेत्र में जल संरक्षण,प्राकृतिक संरक्षण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इससे पूरे क्षेत्र में लग रहा है विकास परख प्राकृतिक संरक्षण और जन कल्याणकारी योजनाएं सिर्फ कागज की नाव में सवार है। इसको लेकर जनता में जबरदस्त रोष व्याप्त है चाहे वह हर घर जल नल योजना हो या वृक्षारोपण योजना हो अथवा एरच बेतवा डिफेंस कॉरिडोर योजना हो या फिर इस क्षेत्र में बेतवा नदी के संरक्षण,धसान नदी के संरक्षण से लेकर सड़कों की ग्रामीण क्षेत्र में बदहाल स्थिति जिसका जिंदा उदाहरण गुरसरांय से मोठ़ मार्ग अपने में बयान कर रहा है कि इस सड़क की चोरी हो गयी है जिसका वास्तविक स्वरूप और अस्तित्व अपने मे खत्म हो गया है। तो दूसरी ओर बेतवा नदी पर अवैध बालू और मिट्टी खनन के चलते पूरे बामौर क्षेत्र का जिले में सर्वाधिक जलस्तर नीचे गिर गया है वहीं नुनार,चौकरी, सिर्वो आदि क्षेत्र में क्रेशर संचालकों ने पहाड़ियों का स्वरूप ही बदल दिया है। और गहरे गड्ढे,कुआंनुमा ब्लास्टिंग से हो गए है। और जो क्रेशर संचालकों लीज का क्षेत्रफल निर्धारित था उससे कई गुना अधिक क्षेत्र में अवैध खनन करके क्षेत्र में पूरी तरह प्राकृतिक स्वरूप को बिगाड़ दिया है,शासन के नियम विरुद्ध 4 इंची आई आर, नियम विरुद्ध गहरी खाई कर पूरे क्षेत्र को कृषि उत्पादकता से शून्य कर दिया है तो ओवरलोडिंग से सड़को की हालत बदहाल हो गयी है। क्षेत्र का किसान भी उसकी भूमि अनु उपयोगी होने से तबाह हो गया है, और इस ओर जानबूझकर खनिज विभाग से लेकर राजस्व विभाग,पर्यावरण विभाग प्रशासनिक कार्यशैली की संलिप्तता नजर आ रही हैं और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से लेकर शासन पर उंगली उठाना आमजन के बीच बाजिब है।गुरसरांय व क्षेत्र के लोगों प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर आला अधिकारियों से इस संबंध में जल्द बड़ी कार्रवाई की मांग की है।