हरसुंडी गांव में आई तूफानी अंाधी ने मचाई तबाही, बोले ग्रामीण पहली बार देखी ऐसी तबाही
रिपोर्ट-देवेन्द्र राजपूत राठ/हमीरपुर
राठ (हमीरपुर)। बीती बुधवार की रात आंधी ने सरीला क्षेत्र के हरसुंडी गांव में ताण्डव मचाया और तेज आंधी से ग्रामीण भयभीत हो गये। हवा के झोंकों के प्रहार से कई पेड़ टूट गये और बिजली के खम्भे टूट टूटकर गिर गये। मकान के ऊपर लगे टीनशेड का पता ही नही चला और छप्पर ढह गये। निर्माधीन मकान की दीवार सहित गांव में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये। करीब घंटे भर ताण्डव करने के बाद जब आंधी थमी तो डरे सहमें ग्रामीण बाहर निकले। मगर प्रशासन ने गुरुवार की शाम होने तक ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ली और न ही विद्युत विभाग ने वहां पहुंचकर कोई जानकारी ली इससे ग्रामीणों में खासा रोष व्याप्त है।
गांव के हेमेंद्र राजपूत का निर्माणधिन मकान धरासाई हो गया
बीती रात करीब 12ः30 बजे तूफान ने हरसुंडी गांव को हिला के रख दिया तेज आंधी के ताण्डव कुछ ऐसा था कि सोये हुए ग्रामीण जाग गये और अपने आप को व परिजनों को सुरक्षित करने लगे। आंधी इतनी तेज थी कि छतो पर रखा सामान तो उड़कर दूर जा गिरा वहीं टीनशेड भी उखड़कर लापता हो गये। गांव के कई मोटे पेड़ टूट गये और बिजली के पोल टूटकर मकानों पर जा गिरे। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जगह लगे बिजली के खम्भे टूटकर लोगो के मकानों में गिर गए जिससे कुछ लोगो के मकान की दीवारों में दरारें आ गई है। गांव के रामनारायण कुशवाहा के ट्रैक्टर के ऊपर नीम का पेड़ टूटकर गिर गया जिससे ट्रैक्टर के बोनट सहित अन्य सामान क्षतिग्रस्त हो गया। भवानी राजपूत घर के अंदर सो रहा था तभी तेज आंधी से पड़ोसी की दीवार भरभरा कर गिर गई जिससे दबकर वह घायल हो गया और मकान के अंदर रखी बाइक टूट गई। दीवार गिरने से गांव के रामऔतार यादव के पड़वा की मौत हो गई। दर्जनों पेड़ टूट जाने पर गांव के रास्ते बंद हो गये। गांव में वृद्धजन जिनकी उम्र करीब 90 साल होगी उनका कहना है कि उन्होंने जीवन में पहली दफा इस तरह की आंधी देखी है। कई ग्रामीणों की गृहस्थी का सामान मकान के मलबे में दबकर बर्बाद हो गया। इस दौरान गांव के हेमेंद्र राजपूत, भवानी राजपूत, हृदेश, भगीरथ, बाबू यादव सहित अन्य ग्रामीण घायल हो गये हैं। ग्रामीणों ने बताया इसकी सूचना तहसीलदार को दी मगर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी अथवा कर्मचारी गुरुवार शाम तक गांव नहीं पहुंचा। वहीं सूचना देने के बाद भी बिजली विभाग का कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी गांव नहीं पहुंचा और गांव में जगह-जगह बिजली के खम्भे टूटे पड़े है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन भी विद्युत विभाग नहीं कर रहा है। मुख्यमंत्री ने 24 घंटे में बिजली ठीक करने के निर्देश विद्युत विभाग को दिये है जबकि यहां तो प्रकृतिक आपदा से टूटे बिजली के खम्भों को देखने ही कर्मचारी अभी तक नहीं पहुंचे। इससे ग्रामीणों में गुस्सा व्याप्त है।