भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी नमामि गंगे योजना,
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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी नमामि गंगे योजना,

रिपोर्ट-शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय

गुरसरांय (झांसी)। हर घर जल नल योजना नमामि गंगे के तहत जल निगम व उसकी कार्यदायी संस्था द्वारा गुरसरांय नगर पालिका क्षेत्र सहित गुरसरांय व बामौर ब्लॉक ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी पानी वर्ष 2024 के 6 माह गुजर जाने के बाद भी कहीं नहीं पहुंचा है,दूसरी ओर इस योजना को हर कीमत पर जनवरी 2024 में चालू हो जाना चाहिए था जो समय सीमा निर्धारित थी लेकिन लग रहा है 2024 भी निकल जावेगी और पानी आमजन को नहीं मिल पाएगा। जिससे जल निगम के आला अधिकारियों से लेकर कार्यदायी संस्था के ठेकेदारों पर सवालिया निशान उठ रहे हैं की करोड़ों रुपया खर्च के बावजूद यह योजना सफल क्यों नहीं हुई।

भ्रष्टाचार के चलते गुरसरांय की जनता व नगरपालिका क़ो डाला संकट में

नगर पालिका परिषद गुरसरांय के पूरे 25 वार्डों में पूरी तरह सड़के खोद दी गई हैं औऱ सालों गुजर जाने के बाद भी यह सड़के सुधारे ना जाने से आम जनता का जहां पैदल चलना दूभर हो गया है तो दूसरी ओर जल निगम द्वारा रोड कटिंग से लेकर सड़कों की पूरी तरह हुई क्षति की धनराशि नगर पालिका कोष में जमा नहीं कराई गई है।और ना ही जल निगम द्वारा सड़क सुधरबाई गई है।फिर आखिर करोड़ों रुपया गुरसरांय नगर पालिका क्षेत्र की सड़क सुधरवाने का और दोनों ब्लॉकों के ग्रामीण क्षेत्र की सड़के सुधरवाने का कहाँ गया। और अगर किसी जल निगम की कार्यदायी संस्था ने अभिलेखों में सड़क सुधराकर धन निकाला है तो यह पूरी तरह खुल्लम खुल्ला शाषकीय कोष का गबन बनता हैं और मॉनिटरिंग करने बाले अधिकारियों के साथ-साथ जल निगम द्वारा यह पैसा कैसे निकाला और मौके पर आला अधिकारियों से लेकर प्रशासन ने काम का अवलोकन करना क्यों जरूरी नहीं समझा जिसके चलते गुरसरांय नगर का सिर्फ एक बार्ड का जिन्दा प्रमाण यह है कि बार्ड नंबर 20 में जो सड़क नगर पालिका द्वारा बनाई गयी थी वह जल निगम द्वारा उखाड़ दीं गई पाइप बिछाने के लिए और बताया गया हैं कि सड़क कि भी कागजों में मरम्मत दिखा दी गई है हालत यह हैं वहां आबागमन के लिए औऱ आवश्यक सेवा के लिए पेयजल टैंकर से लेकर पैदल चलना पूरी तरह दुर्घटना क़ो निमंत्रण दे रहा हैं यह फोटो अपने मे स्वयं बयान कर रही है और इसके साथ पूरे 25 वार्ड में यही स्थिति सड़कों की बनी हुई है!

आखिर नगर पालिका कैसे बनवाएं सड़क?

जल निगम द्वारा नगर पालिका को इस संबंध में हुई सड़कों की क्षति के लिए कोई भी पैसा नहीं दिया गया हैं और पूरे 25 वार्डों में पूरी तरह सडके उखड़ी पड़ी हैँ औऱ कहीं करोड़ों रुपया की आवश्यकता है लेकिन उक्त धन जल निगम के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है जिससे नगर पालिका भी पूरी तरह लाचार है कि आखिर पैसा कहाँ से आए औऱ कैसे सड़के सुधरें।

मुख्यमंत्री जी सीधा ले संज्ञान

प्रदेश व केंद्र सरकार की आम जनता से जुड़ी इस महत्वपूर्ण योजना मे भारी हीला हवाली के साथ-साथ बड़े पैमाने पर आर्थिक घोटाला होना अपने में स्पष्ट इशारा कर रहा है और तत्कालीन जिलाधिकारी रविंद्र कुमार लगातार इस परियोजना पर मॉनिटरिंग कर रहे थे लेकिन उनका स्थानांतरण हो जाने के बाद ठेकेदारों से लेकर जल निगम के आला अधिकारियों की मिली भगत के चलते इस महत्वपूर्ण परियोजना में भ्रष्टाचार, लापरवाही स्पष्ट प्रतीत हो रहा हैँ ऐसे मे लोकप्रिय मुख्यमंत्री क़ो इस संबंध में जनहित व शासन हित में उच्चस्तरीय जांच के साथ-साथ दोषियों पर कार्यवाही और तेज गति से हर घर जल नल योजना पर काम कर गुरसरांय समेत पूरे क्षेत्र में आमजन को पानी मुहैया के साथ सड़क निर्माण की जिम्मेदारी नगर पालिका को देकर जल्द काम कराने की कस्बा व क्षेत्र के लोगों ने मांग की है।