भागवत कथा के श्रवण से ही मिल जाती पापों से मुक्ति
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भागवत कथा के श्रवण से ही मिल जाती पापों से मुक्ति

रिपोर्ट-शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय

गुरसरांय (झांसी)। नगर के एस आर परिसर श्रीमती सुखदेवी त्रिपाठी की प्रथम पुण्यतिथि में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन संगम सरकार धाम के कथा वाचक पुराण आचार्य पंडित राम किशोर पाठक महाराज ने कहा कि भागवत कथा श्रवण मात्र से पाप से मुक्ति मिलती। कहा जिस स्थान पर कथा होती है वहां भगवान विराजमान होते हैं। भगवन नाम के जाप से सारे दुख, क्लेश एवम विपत्ति नाश हो जाते हैं। इस जगत में भगवत कृपा के बिना कुछ भी संभव नहीं है। मनुष्य को समाज में अच्छे काम करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है की कर्म ही प्रधान है, बिना कर्म कुछ संभव नहीं होता है, जो मनुष्य अच्छा व सत्कर्म करता है उसे अच्छा फल मिलता है व बुरे कर्म करने वाले को हमेशा बुरा फल मिलता है।
इसलिए सभी को अच्छे कर्मो के प्रति आकृष्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक मार्ग दमन का है तो दूसरा उदारीकरण का। दोनों ही मार्गो में अधोगामी वृत्तियां निषेध हैं। जैसे कि गोकर्ण ने कथा कही, किन्तु उसके दुराचारी भाई धुंधकारी ने मनोयोग से उसे सुना तो मोक्ष प्राप्त हो गया। भागवत कथा एक ऐसा अमृत है कि इसका जितना भी पान किया जाए आत्मा तृप्ति नहीं होती है। भागवत कथा सुनते ही ज्ञान और वैराग्य जाग जाता हैं। और मनुष्य सदमार्ग पर आकर अच्छे कर्म करने लगता है।आगे उन्होंने श्रीमद् भागवत के महात्म्य की कथा का वर्णन करते बताया कि जब कई जन्मों के पुण्य का उदय होता है तभी भागवत कथा सुनने का अवसर प्राप्त होता है। कथा की आरती राम पाल त्रिपाठी रमा त्रिपाठी अभय त्रिपाठी एडवोकेट ने की।इस मौके पर पी सी सी सदस्य,अखिलेश पिपरैया,रमेश मौर्य, राम भरोसे पेंटर फूल सिंह परिहार पत्रकार धर्मपाल गोविंद सिंह परिहार धर्मपाल सिंह परमार, भगवान दास चतुर्वेदी मनोज बुधौलिया आजाद खान मेंबर दिनेश शुक्ला रामदास पाठक पूरन सोनी अश्वनी पश्तोर मुकेश त्रिपाठी,अनिल त्रिपाठी, भारतेंदु बुंदेला, सुनील चौहान,विवेक त्रिपाठी, विनय त्रिपाठी, विरल त्रिपाठी, चंद्रभान नायक,साधूराम साहू,पूरन सोनी,देवेंद्र सिंह यादव देव,मानवेन्द्र सिंह सोनू पटसारिया,प्रमोद पस्तोर, लक्ष्मीनारायण सोनी,अशोक सेन,हरीमोहन त्रिपाठी, रमाकांत त्रिपाठी, नवीन त्रिपाठी ,हिमांशु मुकेश त्रिपाठी आलोक त्रिपाठी,अनिरुद्ध ,अनेक त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।