हर घर जल तो पहुंचा नहीं सड़के खराब कर जन-जन को पैदल चलना हुआ दूभर,आखिर शासन कब लेगा संज्ञान
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हर घर जल तो पहुंचा नहीं सड़के खराब कर जन-जन को पैदल चलना हुआ दूभर,आखिर शासन कब लेगा संज्ञान

रिपोर्ट-शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय

गुरसरांय(झाँसी)। केंद्र और राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली हर घर नल हर घर जल योजना के माध्यम से आम जनता को वर्ष 2024 में लागू करके गुरसरांय समेत पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में जन-जन को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराना था लेकिन प्रदेश सरकार के जल निगम द्वारा जिस कंपनी को यह काम की जिम्मेदारी सौंपी गई थी वह 2024 के पांच माह होने के बाद भी कही भी चालू नही हुई। उल्टा गुरसरांय नगर पालिका क्षेत्र के पूरे के पूरे 25 वार्डों में पाइपलाइन बिछाने के नाम पर पूरी सड़के पिछले 6 माह से अधिक समय से उखाड़ दी गई है इसके दुष्परिणाम स्वरूप आम जनता को पैदल चलना भी दूभर हो रहा है। वही आए दिन गुरसरांय की इन सड़कों पर स्कूली बच्चों से लेकर आम लोग-बाग गिरते-उठते नजर आते हैं। जल निगम और उनके द्वारा दिये गए ठेकेदारों को उक्त काम के नाम पर समय सीमा से लेकर कार्य की गुणवत्ता पूर्वक हर कीमत पर 2024 में उक्त काम पूरा होकर आम जनता को इसका लाभ मिलना था लेकिन विभागीय अधिकारियों और संबंधित विभाग के आला अधिकारियों की कही न कही काम करने वाले कंपनी के ठेकेदारों से मिलीभगत के चलते इस काम में करोड़ों रुपए का आर्थिक घोटाला होना जहां इशारा कर रहा है वहीं गुरसरांय नगर से लेकर बामौर विकासखण्ड गुरसरांय विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में भी गाँव-गाँव पूरी तरह रास्ते उखड़े पड़े हुए है और आम जनता को पानी भी नही मिल पा रहा है। यहां बता दें तत्कालीन जिलाधिकारी झांसी रविंद्र कुमार ने गुरसरांय में जो टंकी निर्माण हो रही थी।उसका मौके पर जाकर निरीक्षण किया था जिसमें काम में लापरवाही बरतने को मौके पर पाया था। और इस सबंध में कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्यवाही करने के सख्त निर्देश भी दिए थे। लेकिन उनके स्थानांतरण होने के बाद फिर से संबंधित विभाग से अधिकारी और ठेकेदार जानबूझकर एक और जहां कई करोड़ रुपए का सरकार केंद्र बार राज्य सरकार के खर्च करने के बाद भी दिए गए निर्धारित समय सीमा भीतर काम नहीं कर पाए तो दूसरी ओर जनता के सामने पेयजल की समस्या ने और विकराल रूप धारण कर लिया क्योंकि जल संस्थान द्वारा नियमित आम जन को गुरसरांय में पानी आपूर्ति नहीं की जा रही है तो दूसरी ओर सड़के पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं और यह सड़के मरम्मत इसी विभाग के द्वारा होनी थी। वही नगर पालिका क्षेत्र की सड़कों और मुख्य सड़कों की नगर पालिका को जो आर्थिक क्षति हुई है वह भी नगर पालिका को उसमें धनराशि जमा नहीं की गई है यहां तक की नगर पालिका से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में विकासखण्ड अधिकारियों से लेकर ग्राम सभाओं से भी सड़क खोदने के पहले स्वीकृति नहीं ली गई है जिससे जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। वही प्रदेश सरकार की मॉनिटरिंग टीम पर भी उनकी कार्यशैली को लेकर सवालिया निशान उठ रहे हैं।

नगर पालिका द्वारा प्रशासन को लिखे पत्र की हो रही अनदेखी

इस संबंध में नगर पालिका परिषद अध्यक्ष गुरसरांय जयपाल सिंह चौहान से जब बात की की सड़के क्यो नहीं सुधारी गई हैं तो उन्होंने बताया इस संबंध में दो बार प्रशासन व संबंधित विभाग को पत्र लिखे जा चुके है।लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही न होने से सड़कों की जो हालत खराब है। उसको जल्द से जल्द व्यवस्था वनाने के लिए प्रयास रत हैं।