सरकारी खरीद केंद्रो पर गेहूँ की कम आवक और अवैध कारोबारियों को संरक्षण के चलते गेहूँ भंडारण का बड़ा संकट
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सरकारी खरीद केंद्रो पर गेहूँ की कम आवक और अवैध कारोबारियों को संरक्षण के चलते गेहूँ भंडारण का बड़ा संकट

रिपोर्ट-शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय

गुरसरांय(झाँसी)। वर्ष 2024 में गेहूँ खरीद केंद्रो पर हो रही सरकारी खरीद में विभिन्न संस्थाओं के गुरसरांय मण्डी क्षेत्र में खुले केंद्रो पर किसानों द्वारा बहुत ही धीमी गति और कम मात्रा में गेहूं बेचा जा रहा है जिससे सरकारी भंडारण हेतु निर्धारित किए लक्ष्य को पूरा करने में सरकारी खरीद केंद्रो को भारी मशक्कत करना पड़ रही है और 12 अप्रैल तक गेहूं खरीद के संचालित केंद्र पर मात्र बहुत मेहनत के बाद लगभग चौदह हजार कुंतल गेहूं खरीद की जा सकी है। और लग रहा है कि इस वर्ष गेहूँ खरीद केंद्र अपने लक्ष्य को शायद न छू सके जिसका प्रमुख कारण मण्डी के बाहर अवैध कारोबारियों द्वारा सरकारी दर पर भुगतान के अनुसार नगद धनराशि पर लगभग 30-35 अवैध कारोबारियों द्वारा बड़ी मात्रा में गेहूँ खरीदा जा रहा है। यहां तक की अवैध कारोबारियों द्वारा गांव-गांव जाकर खेत पर ही नगद भुगतान कर गेहूं खरीदा जा रहा है। दूसरी ओर सीमापवर्ती मध्य प्रदेश क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश की तुलना में 100 रूपये से ऊपर अधिक भुगतान के चलते यहां का माल मध्यप्रदेश अवैध कारोबारियों द्वारा बेचा जा रहा है। वही गुरसरांय मण्डी क्षेत्र में एकमात्र संचालित मसूर खरीद केंद्र पर अभी तक 1800 कुंतल मसूर खरीदी जा चुकी है यह खरीद पीसीयू केंद्र द्वारा की गई है और वर्तमान में और आने वाले समय में यही स्थिति रही तो लक्ष्य से बहुत पीछे गेहूँ खरीद मामले में पिछड़ना स्वाभाविक है। और यह रिकॉर्ड बताते है,की सरकार की जो मंशा गेहूं भंडारण को पर्याप्त रूप में सरकार भंडारण करें ताकि आगामी भविष्य में गेहूं का संकट प्रदेश और देश पर न पड़े लेकिन गुरसरांय में मण्डी प्रशासन द्वारा अवैध कारोबारियों पर अंकुश न लगाए जाने के चलते यहां की हालत बहुत खराब है ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन से लेकर खरीद केंद्रो पर मॉनिटरिंग करने वाले आला अधिकारियों को सख्त कार्यवाही करना चाहिए।