आस्था और अंधविश्वास के बीच जन्मी कन्या ने छोड़ा शरीर
रिपोर्ट-शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय
गुरसरांय(झाँसी)। 6 अप्रैल शनिवार को गुरसरांय स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत गुरसरांय से जुड़े हुए ग्राम मडो़री में 5 अप्रैल को एक बच्ची ने जन्म लिया। बच्ची का जन्म स्वास्थ्य केंद्र गुरसरांय में हुआ।जन्म के बाद उस बच्ची को बच्ची के परिवारजन ग्राम मडो़री ले गए। बच्ची को देखकर लग रहा था। कि यह देवी के रूप में जन्म लेकर आई है। इसके चेहरे को देखकर आकृति एक अलग ही प्रकार की होने के चलते लोग उसे देवी मैया के रूप में प्रकट होना मानकर बड़ी संख्या में मडो़री गुरसरांय समेत आस पास के महिला,पुरुष,बूढ़े,बच्चे,जवान सब के सब भक्तिभाव से दर्शन के लिए उमड़ पड़े,और बड़ी संख्या में महिलाओं ने भजन आदि गाकर उक्त बच्ची की पूजा अर्चना की। विस्तृत जानकारी के मुताबिक ग्राम मडो़री के ओमप्रकाश उर्फ कल्लन कोरी की पत्नी पूजा ने पांच अप्रैल गुरुवार को गुरसरांय अस्पताल में अपनी दूसरी संतान के रूप में इस पुत्री को जन्म दिया था जबकि इसके पहले एक बच्ची और भी है। बच्ची पूर्णतः जन्म के बाद स्वस्थ होने के चलते उसकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई थी लेकिन अस्पताल से जब मडो़री पहुँची तो लोगों ने उसकी आकृति देखकर उस बच्ची को आस्था और अंधविश्वास के बीच उसे देवी के रूप में जन्म लेने पर उसकी खूब पूजा,अर्चना,भजन किये और पैसे चड़ाये।
बच्ची को लेकर डॉक्टर ने कहा……
उक्त बच्ची के जन्म के संबंध में मीडिया से जुड़े लोग जब 6 अप्रैल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुरसरांय पहुँचे तो उसके जन्म के बारे में और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी की तो अस्पताल सूत्रों के मुताबिक बताया गया है कि जन्म लेने के बाद बच्ची को इंफेक्शन हो गया था। जिसको परिवारजनों से कहा गया था कि वह तत्काल झांसी इलाज हेतु ले जाएं लेकिन उसे बच्ची को उसके परिवार व गांव के लोग देवी समझकर उसे झांसी न ले जाकर मडो़री में ही उसकी पूजा अर्चना मां के जयकारे एवं भजन गाकर आरती करने में समय गुजार दिया और 6 अप्रैल को प्रातः उसकी मौत हो गई इसके बाद उसके परिवार व गांव के लोग पूजा अर्चना करते हुए उक्त बच्ची के शव को बेतवा नदी के किनारे समीप डिकोली घाट पर उसे सिरा दिया गया।