तीन जानो का कौन होगा जिम्मेदार ,थाना चौकी या अपराधी को संरक्षण देने वाले सिपाही
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तीन जानो का कौन होगा जिम्मेदार ,थाना चौकी या अपराधी को संरक्षण देने वाले सिपाही

शिकायत करने पर पीड़िता की सारी जानकारी अपराधी तक पहुंचा कर पुलिस बन रही अपराधियों की ढाल पीड़ित होते है परेशान

झाँसी | एक तरफ योगी सरकार मनचलों के ऊपर शिकंजा कस रही है तो दूसरी तरफ थाने व चौकियां उनका संरक्षण भी दे रही है कुछ दिनों पहले ऐसा ही एक मामला सदर थाने में आया था जहां पर एक पीड़िता को मनचला पिछले 1 वर्ष से परेशान कर रहा था जिसकी कई बार शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी और अब झांसी के सीपरी बाजार थाने पर ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पर मनचला लगभग दो सालों से पीड़िता की बेटी को परेशान कर रहा है और थाना चौकी उनकी गुहार सुनने को तैयार नहीं है और थाना व चौकी के सिपाही सारी जानकारी मनचले तक पहुँचा कर इन्फॉर्म का काम कर रही है दरअसल मामला जनपद के सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने बाली एक चौकी जो की कुछ दिनों से चर्चा का विषय बनी हुईं. हम बात क़र रहे मसिहागंज चौकी की जिसमे कुछ दिनों पूर्व दो नवांतुक इंस्पेक्टरों का तबादला होकर आये थे. चौकी का इंचार्ज अंकित पवार को व उनके सहायक के लिए एक तोमर साहब को चौकी संभालने का जिम्मा मिला था लेकिन चौकी के अंदर बिलकुल उल्टा नजारा दिखने को मिल रहा है क्योंकि चौकी से अपराधियों पर कार्यवाही नही संरक्षण दिया जा रहा है हम बात कर रहे है मसीहागंज चौकी की किसके क्षेत्र के अंतर्गत आने बाले आवास विकास की पीड़ित ने जानकारी देते हुए बताया कि काफी समय से एक मनचला लड़की को परेशान कर रहा है जिसकी शिकायत पीड़ित ने कई बार थाना व चौकी की और उनके ऊपर साधारण धाराओं में मुकदमा लिख दिया गया और मामले को शांत कर दिया गया जब पीड़िता को चौकी एवं थाने से न्याय न मिलने पर सारा मामला उच्च अधिकारियों तक पहुचा तो मनचले अपराधी को संरक्षण देने वाली चौकी पर आफत आई तो चौकी इंचार्ज ने पीड़िता को पूछताछ के लिए बुलाया , लेकिन वहां तो मामला कुछ उल्टा ही हो गया पूछताछ तो दूर बात करने के बाद पूरी जानकारी अपराधी तक पहुंचा दी गई जिसका नतीजा यह निकला कि अपराधी अब मां बेटी और उनके बेटे को खुल्लम खुल्ला जान से मारने की धमकी दे रहा है और पीड़िता ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले चार-पांच दिन पहले इंस्पेक्टर तोमर ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन पूछताछ कुछ नहीं की और पूरी सूचना चौकी से अपराधी तक पहुंचा दी गई जिसको लेकर अपराधी बौखलाया और पीड़ित के व्हाट्सएप पर कॉल करके खुलेआम जान से मारने की धमकी देने लगा तो वही पीड़ित का कहना है कि उनकी और इंस्पेक्टर के बीच में जो बात हुई थी वह आखिरकार अपराधी तक कैसे पहुंची और साथ मे ये भी कहा कि थाने का कारखास व ड्राइवर पीड़ित के साथ आने बालो सहयोगियों का साथ न देने के लिए दबाव भी बनाते है । एक तरफ योगी की पुलिस अपराधियों पर शिकंजा कसने का काम कर रही है तो वही दूसरी तरफ ऐसे मामलों में उनकी लॉटरी भी लग जाती है लेकिन अपराधियों का साथ देना एक सोचने वाली बात है अगर ये सब होने के बाद अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो क्या इसकी जिम्मेदारी सीपरी थाना, मसीहागंज चौकी या फिर थाने का कारखास या वह ड्राइवर जो मनचले की ढाल बने हुए हैं इनमे से कौन लेगा जो सारा मामला अपराधी तक पहुंच कर तीन जनों को खतरे में डाल का काम कर रहे है।