मौलवी सिराजुद्दीन सबको राह बताकर जमाने से हुए अलविदा
रिपोर्ट-शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय
गुरसरांय(झांसी)। सबको राह दिखाकर खुद एक नजीर बनाकर जमाने से अलविदा हुए मौलवी सिराजुद्दीन बुजुर्ग शिक्षक सौ वर्ष की उम्र में उनका इंतकाल हो जाने से कस्बे में व क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। मौलवी साहब
जहाँ एक अनुशासन के रूप में उनकी छवि कठोर थी तो अंदर से वह हर छात्र से लेकर आम और खास लोगों के लिए उनका व्यवहार सभी के प्रति सकारात्मक रहा है वहीं उन्होंने अपने जमाने में सरकारी स्कूल में शिक्षा देकर ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्र से ऐसे होनहारों को बेहतरीन शिक्षा व तालीम देकर तैयार किया था कि उनकी छात्रों की बगिया से निकले फूल देश और दुनिया में खुशबू बिखेर कर गुरसरांय का नाम रोशन कर रहे हैं।वह खैर इंटर कॉलेज गुरसरांय के प्रबंध कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे हैं इसके साथ-साथ जातिवाद धर्म से ऊपर उठकर हमेशा इंसानियत और मानवता का उन्होंने पाठ पढ़ाया और जीवन पर्यंत समाज के लिए काम किया। उनके निधन हो जाने पर एक शोकसभा कुंवर रामकुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें दो मिनट का मौन धारण कर दिवगंत आत्मा की शांति हेतु व परिवार को धैर्य व शक्ति प्रदान हेतु ईश्वर से प्रार्थना की गई। शोकसभा में प्रमुख रूप से अखिलेश तिवारी सुट्टा,फूल सिंह परिहार,कौशल किशोर,सार्थक नायक,हरिश्चंद्र नायक,आयुष त्रिपाठी,सोम मिश्रा,आशुतोष गोस्वामी,सुनील जैन डीकू,दीपक जैन नुनार,धर्मेंद्र सोनी बल्ले, समद अली,शौकीन खान ,सुरेश सोनी सरसैडा़,ज़ाफिर उर्फ बल्लू खान,अख्तर राईन,सुरेश पांचाल,उमाकांत पाराशर,विकास अग्रवाल, हरनारायण सिंह, धनराज नेता आदि मौजूद रहे। वहीं दूसरी ओर गायत्री परिवार के प्रमुख सतीश चंद्र चौरसिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में पंडित रामनारायण पस्तोर,पंडित देवेश पालीवाल अध्यक्ष खैर इंटर कॉलेज गुरसराय,धनप्रकाश तिवारी, जितेंद्र सिंह पटेल पिपरा आदि लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।