मुस्करा पुलिस टप्पे बाजों पर हुई मेहरबान,बिना कार्यवाही के छोड़े गए गैंग ने महिला को बनाया शिकार
हमीरपुर से ओमप्रकाश राजपूत की रिपोर्ट
हमीरपुर।जनपद के मुस्करा कोतवाली पुलिस द्वारा एक चोर गिरोह को पकड़ कर छोड़ देना क्या न्याय संगत हो सकता है जब वह गिरोह लोगो की टप्पेबाजी कर जेवरात मोबाइल तथा नगदी को दिन दहाड़े चोरी कर चम्पत हो जाता हो। ऐसे गिरोह को छोड़ना तो शायद उस जनता के रखवाले व जुम्मेदार अधिकारी को न्याय प्रिय कहा ही नही जा सकता।पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को सरकार द्वारा वर्दी दे आमजन की रखवाली करना व उन्हें क्राइम की छाया से दूर रखने व अपनी जुम्मेदारियो को ईमानदारी से निर्वाह करने के लिए दी जाती है। ताकि समाज मे पैदा होने वाली बुराइयों से निजात मिल सके।पर अधिकारियों द्वारा अपने कर्तब्यों का सुचारू रूप से निर्वाह न करने के फलस्वरूप निश्चित ही यह लापरवाही आमजन को भुगतने को मजबूर कर देती है।ऐसा ही कुछ मामला हमीरपुर जनपद में देखने को मिला जब एक टप्पेबाज चोर गिरोह को मोबाइल चुराने के आरोप में पब्लिक व पुलिस के सहयोग से कोतवाली मुस्करा लाया गया और बाद में बिना कोई कार्यवाही किये उस गिरोह को छोड़ दिया गया।जिसके फलस्वरूप उसी टप्पेबाज चोर महिला गिरोह द्वारा अपने मायके से ऑटो पर सवार हो पड़ोसी जनपद जालोंन के कदौरा थाना क्षेत्र के ग्राम इटौरा निवासी अपनी ससुराल जा रही महिला रेखा पत्नी पुष्पेंद्र के पर्स से गाड़ी में ही पर्स में डाले एक ढाई तोले सोने का बना गले का हार औऱ कान के बाले आधा तोले के व 4 हजार रुपये की नगदी निकाल कर उसे अपना शिकार बना डाला। जिसकी शिकायत महिला द्वारा सदर कोतवाली पुलिस से की गई।पर कोई कामयाबी हाथ नही लगी।19मार्च को मुस्करा कोतवाली में पकड़कर लायी गयी महिला टप्पेबाज चोर गिरोह की पत्रकारों द्वारा अपने मोबाइल के कैमरे में कैद की गई तस्वीरों को जब टप्पेबाजी का शिकार हुई पीड़ित महिला रेखा को 24 मार्च को दिखाई गई तो उक्त महिलाओं की तस्वीरों को देखते ही पहचान कर ली गयी है। पीड़ित महिला से फोन द्वारा पत्रकारो से हुई बातचीत के दौरान बताया गया कि कैमरे में कैद इसी गैंग से एक महिला जो दो मासूम बच्चों को साथ लिए औऱ एक लगभग 15 वर्षीय लड़की द्वारा ही टप्पेबाजी कर मेरे जेवरात औऱ नगदी पार की है।महिला ने कहा कि उक्त मामले में त्योहार उपरांत सरकारी छुट्टी खत्म होने पर पुलिस अधीक्षक औऱ अपर पुलिस महानिर्देशक तथा सदर विधायक से की जाएगी।सोचने वाली बात तो यह है कि अगर जनपद की मुस्करा कोतवाली पुलिस द्वारा समय रहते उक्त टप्पेबाज महिला गिरोह पर समय रहते कार्यवाही की गई होती तो पीड़ित महिला रेखा का लगभग डेढ़ लाख रुपये कीमत का जेवरात औऱ 4 हजार की नगदी चोरी न हुई होती।ऐसा यह कोई पहला मामला नही वल्कि पहले भी क्राइम के क्षेत्र में ऐसी लापरवाहियों के चलते बड़े हादसे व क्राइम हुए है और बाद में पुलिस की लापरवाहियां उजागर हुई है पर अगर इन गलतियों को पहले ही सुधार लिया जाय तो ऐसे क्राइम होने से पहले ही रोक लग जाय।इस मामले से तो वास्तव में पुलिस प्रशासन को सबक लेने की जरूरत है ताकि ऐसे क्राइम की पुनरावृत्ति न हो।