श्री अन्न की खेती लाभदायक, एफपीओ किसानो को करें जागरूक, कृषि विश्वविद्यालय में बीज उपलब्ध
झाँसी | उपकृषि निरीक्षक एम0पी0 सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना अंतर्गत जनपद के कृषक उत्पादक संगठन एफपीओ की 03 दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ।
आत्मनिर्भर भारत समन्वित विकास योजना अंतर्गत “कृषक उत्पादक संगठनों के गठन एवं प्रोत्साहन” अंतर्गत 03 दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए उप कृषि निर्देशक एम0पी0सिंह ने कहा कि संगठन में ही अपार शक्ति है,केंद्र एवं प्रदेश सरकार सभी वर्गो के किसानों को साथ लेकर आय उनकी आय दोगुनी एवं विकास करना चाहती हैं,एक ही किस्म की फसल लेने वाले किसानों को एफपीओ एक साथ जोड़ कर कार्य करें ताकि उन्हें अपनी फसल और मेहनत का सही दाम मिल सके।
उप कृषि निदेशक एम0पी0 सिंह ने कार्यशाला के समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित विकास खंड गुरसरायं एवं बामौर से आए एफपीओ के डायरेक्टर को संबोधित करते हुए कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई किसी विश्वविद्यालय से आए विशेषज्ञों द्वारा दी जा रही जानकारी को आत्मसात करते हुए क्षेत्र के किसानों को खेती किसानी में इस्तेमाल किया जाए ताकि किसान की आय दोगुनी हो सके। उन्होंने एफपीओ को फसल का उचित दाम मिल सके उसके लिए उन्होंने उत्पादन के साथ-साथ प्रोसेसिंग पर भी विशेष जोर दिया।
विकास भवन सभागार में आयोजित 03 दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिवस पर जिला कृषि अधिकारी के0के0सिंह ने उपस्थित एफपीओ के डायरेक्टर एवं किसानों को सुझाव देते हुए कहा कि सहजन की खेती से किसान कर सकते हैं अच्छी कमाई,पोषक तत्वों से भरपूर सहजन सेहत के लिए बहुत गुणकारी माना जाता है. इसमें विटामिन सी, विटामिन ई, कैल्शियम और आयरन जैसे न्यूट्रिएंट पाए जाते हैं, जिसकी वजह से इसे हर कोई खाना चाहता है। ऐसे में न सिर्फ साल भर इसकी मांग बनी रहती है बल्कि दाम भी अच्छा मिलता है। गुणों की वजह से पिछले कुछ सालों से सहजन की खेती की लोकप्रियता किसानों के बीच बहुत तेजी से बढ़ी है,क्योंकि यह कम लागत में किसानों को अच्छी खासी कमाई करा देता है। इसकी जितनी मांग सब्जी के रूप में है, उतनी ही औषधीय इस्तेमाल के लिए भी है।
उन्होंने बताया कि सहजन की खेती को नकदी और व्यावसायिक लाभ देने वाली फसल भी माना जाता है।बाजार में सहजन के फूल और छोटे-छोटे सहजन से लेकर बड़े सहजन के फलों का अच्छा दाम मिलता है,इसके अलावा सहजन के बीजों से तेल निकाल कर उसे भी उपयोग में लाया जाता है।
उन्होंने बताया कि सहजन बहुउपयोगी पौधा है. पौधे के सभी भागों का प्रयोग भोजन, दवा औद्योगिक कार्यो आदि में किया जाता हैं. सहजन में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व व विटामिन हैं.एक अध्ययन के अनुसार इसमें दूध की तुलना में चार गुणा पोटाशियम तथा संतरा की तुलना में सात गुणा विटामिन सी हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है।।
कार्यशाला के अंतिम दिवस पर महारानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. अनिल कुमार राय ने सीड हब मिलेट्स की जानकारी देते हुए उपस्थित एफपीओ के निदेशकों को बताया कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा श्री अन्न को प्रमोट किया जा रहा है। जिसके माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी।
आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना अंतर्गत जनपद के कृषक उत्पादक संगठनों की 03 दिवसीय कार्यशाला में डा अनिल कुमार राय वरिष्ठ वैज्ञानिक ने एफपीओ के किसानो को बताया कि सिड हॅब मिलिट्स के अंतर्गत सांबा, कोदो,ज्वार, बाजरा, रागी एवं अन्य मिलेट्स के बीजों का बीज उत्पादन कार्य महारानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय विश्वविद्यालय में किया जा रहा है। अच्छे एवं गुणवत्ता युक्त बीज की उपलब्धता इक्षुक किसानों को कराई जा रही है।
उन्होंने जनपद के एफपीओ से जुड़े किसानों को बताया कि श्री अन्न की खेती से किसानों की आय तो दोगुनी होगी ही इसके अतिरिक्त खेती पर आने वाली लागत और समय की भी बचत होगी। उन्होंने श्री अन्न की खेती में खरपतवार की समस्या की जानकारी देते हुए बताया कि खरपतवार की समस्या अधिक होती है तो उसका निराकरण खरपतवार नासी के द्वारा किया जा सकता है, रोग व कीट का नियंत्रण भी कवकनाशी एवं कीटनाशी के द्वारा नियंत्रण किया जा सकता है।
डॉक्टर अनिल कुमार राय ने बताया कि मिनट्स के बीज उत्पादन कार्य के अंतर्गत महारानी लक्ष्मीबाई कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को बीज उत्पादन कार्य करके उनकी फसल को वापस मंडी या एमएसपी मूल्य जो भी अधिक हो उसमें अतिरिक्त 5% की बढ़ोतरी कर क्रय कर लेगा बशर्ते बीज शुद्ध एवं मिलावटी न हो। इस प्रकार खेती करने वाले किसानों को सीधा लाभ होगा और विक्रय करने में किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी।
कार्यशाला के समापन सत्र का संचालन करते हुए विषय वस्तु विशेषज्ञ दीपक कुशवाहा ने उपस्थित वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त करते हुए उपस्थित एफपीओ के विभिन्न डायरेक्टरों से अनुरोध किया की दी गई जानकारी को अन्य किसानों तक पहुंचाया जाना सुनिश्चित करें ताकि किसान अपनी फसल का सही दाम ले सके जिससे उसकी आय दोगुनी हो।
बैठक में जिला उद्यान निरीक्षक डॉक्टर प्रशांत कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर आशुतोष शर्मा, मार्केटिंग निरीक्षक प्रखर कुमार सहित विकासखण्ड गुरसराय एवं बामौर से आए कृषक उत्पादक संगठनों के डायरेक्टर एवं किसान तथा विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
—————————————–