डॉ० संदीप एवं सपना सरावगी ने रामराजा सरकार के दर्शन कर मनायी 20वीं वैवाहिक वर्षगांठ
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डॉ० संदीप एवं सपना सरावगी ने रामराजा सरकार के दर्शन कर मनायी 20वीं वैवाहिक वर्षगांठ

झाँसी। संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉ० संदीप सरावगी एवं संघर्ष महिला संगठन की अध्यक्ष व डॉ० संदीप की भार्या सपना सरावगी की वैवाहिक वर्षगांठ का कार्यक्रम भव्यता के साथ आयोजित किया गया। सर्वप्रथम दोनों ओरछा धाम में रामराजा सरकार के दर्शन करने पहुँचे जहां मंत्र उच्चारण के साथ दोनों ने हवन यज्ञ कर श्री राम राजा सरकार का आशीर्वाद ग्रहण किया एवं आजीवन सुख दुख में एक दूसरे का साथ निभाने की शपथ भी ली तत्पश्चात मंदिर प्रांगण में उपस्थित भक्तजनों को भोजन प्रसादी एवं असहायों को दान सामग्री भी वितरित की गयी। कार्यक्रम के अगले क्रम में संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पर केक काटकर स्वजनों एवं समिति की सदस्यों के साथ वैवाहिक वर्षगांठ का कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम सनशाइन क्लब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद अग्रवाल की अध्यक्षता एवं अशोक अग्रवाल काका के सानिध्य में आयोजित किया गया। विनोद अग्रवाल एवं अशोक अग्रवाल ने विवाह के महत्व के बारे में कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को बताया व दम्पत्ति को सुखमय जीवन और उज्जवल भविष्य की शुभकामनायें भी दीं। इस अवसर पर डॉ० संदीप ने कहा 19 वर्ष पूर्व आज के ही दिन हम दोनों ने दांपत्य जीवन में प्रवेश किया था और सात फेरे लेकर आजीवन एक दूसरे का साथ निभाने की शपथ भी ली थी। मेरा मानना है कि हर युगल को एक दूसरे के साथ मित्रवत व्यवहार रखना चाहिए जिससे हर समस्या को एक दूसरे के साथ साझा किया जा सके, साथ ही एक दूसरे की आवश्यकताओं को भी समझना चाहिए क्योंकि विवाह रूपी इस रथ में दोनों पहियों का आपसी सामंजस्य और संतुलन होना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा यह रथ अधिक दूरी तय नहीं कर पायेगा। वहीं सपना सरावगी ने कहा एक महिला के लिए विवाह पश्चात दूसरे के घर जाना बहुत बड़ा त्याग होता है यदि आपको अच्छा पति एवं परिवार मिलता है तो जीवन बहुत सुगम हो जाता है। एक स्त्री के लिए माता-पिता और पति का घर दोनों महत्वपूर्ण होते हैं यदि आप दोनों के बीच सामंजस्य स्थापित कर लेते हैं तो घर स्वर्ग बन जाता है। एक विवाहित महिला के ऊपर पूरे परिवार को संहालने की जिम्मेदारी होती है अपने सास ससुर को माता-पिता की तरह, पति को परमेश्वर की तरह और बच्चों को संभालना परम कर्तव्य है मैं इस कर्तव्य का आजीवन निर्वहन करती रहूंगी। इस अवसर पर नीलू रायकवार, संदेश अग्रवाल, वीरेंद्र डालमिया, संजीर नायक, संजय लिखधारी, शिवाली शाक्या, कशिश, हसीन अहमद, बसंत गुप्ता, सुशांत गेड़ा, संदीप नामदेव, प्रमेन्द्र सिंह, अनुज प्रताप सिंह, राजू सेन, राकेश अहिरवार, चंदन पाल, आशीष विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे।

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