विद्युत विभाग बबीना में हो रहे लाखों का बंदर बांट
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विद्युत विभाग बबीना में हो रहे लाखों का बंदर बांट

पीड़ितों के लिए “उपभोक्ता देवो भव” एक मजाक
1* अधिकारियों की जानकारी के वावजूद राजस्व क्षति
2* डीपी इधर से उधर पैसे लेकर फिट
3* किसानों से उगाई में लिए जा रहे हर एक मोटर के 4000/
4* जिसकी सेटिंग नहीं उसकी एफआईआर
बबीना : बबीना में जितनी मेगावाट बिजली की खपत होती है जानकारी के मुताबिक उसमें से लगभग 35 फीसदी का ही राजस्व  वसूला जा रहा है बाकि के विद्युत विभाग के सरकारी, अर्धसरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से लोगों द्वारा पैसा वसूल कर उच्च अधिकारियों तक पहुंचाकर विभाग को राजस्व की गहरी चोट पहुंचा कर देश के आर्थिक विकास में सेंध लगाई जा रही है और यह कारनामा वर्षो से चला आ रहा है। बबीना पावर हाउस में कई जेई आए और चले गए लेकिन किसी ने भी नोकरी पाते समय शपथ का मान नहीं रखा सभी ने बंदर बांट में विश्वास कर चलते बने। सूत्रों की माने प्रतिवर्ष जेई का वेतन के अलावा अनर्गल कमाई बारह लाख बताई गई है बाकि के विद्युत कर्मचारी भी इस भ्रष्टाचार की दौड़ में अपने हाथ काले करने में पीछे नहीं हैं जैसे कभी बिजली का बिल कम या मीटर बदलवाना, अवैध सिंचाई की मोटरों को चलवाना या नए कनेक्शन करने आदि का मामला हो। सूत्रों की जानकारी के मुताबिक लाख रुपए से ऊपर लेकर डीपी कहीं से कहीं फिट कर दी जाती है और जब यह मामला तूल पकड़ता तो माफी मांगकर कुछ दिन में लगवाने का वायदा किया जाता है। ऐसे तमाम मामले है जो जांच का विषय है।
जानकारी के मुताबिक खेतों में अवैध पानी की प्रति मोटरों से चार हजार रुपए वसूले जा रहे हैं जो नहीं देता उसकी एफआईआर दर्ज कर खाना पूर्ति की जाती रही है ये भी वर्षो की परंपरा बन चुकी है लेकिन विद्युत के आला अधिकारियों ने अभी तक यह पता नहीं लगा पाया आखिर विद्युत की इतनी मेगावाट की आपूर्ति के वावजूद वसूली इतनी कम क्यों हो रही है अब सवाल उठता है,कि जानकारी होते हुए भी इसको गंभीरता से विचार कर सुधार क्यों नहीं गया कहीं ऐसा तो नहीं वसूला गया पैसों का बंदरबांट तो नहीं हो रहा ?
वैसे भी उच्च अधिकारियों की शायद सहमति होगी जो इतना बड़ा क्षेत्र बबीना के जेई को दिया गया जो प्रत्येक कार्य को विशेष फोन से संभाल रहे हैं क्योंकि विभागीय फोन तो लगता ही नहीं ? फिर चाहे  विद्युत विभाग की कितनी बड़ी क्षति क्यों न हो जाए या किसी की जान पर क्यों न बन जाए। सूचना या शिकायत करना टेड़ी खीर साबित होती हैं।
आम जनता के बीच ऐसी चर्चाएं अक्सर सुनने को मिल जायेगी अकेला मोदी क्या करेगा इस विषय को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही गंभीरता से लेकर ऐसी योजना बनाई जानी चाहिए जिससे देश प्रदेश को भारी राजस्व से बचाया जा सके और ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों के साथ साथ अधिकारियों की भी सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए! यदि देश के विकास के लिए राजस्व बचाना है तो ?

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