भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का किया वर्णन
रिपोर्ट-शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय
गुरसरांय (झांसी)।मुहल्ला धनाई में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन भगवान की बाल लीलाओं की कथा का वर्णन किया गया।
कथा सुनाते हुए हुए पं कृष्णा शास्त्री वृंदावन ने कहा कि भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं में बड़े बड़े ज्ञानी मोहित हो जाते है।उन्होंने कहा कि भगवान ने पूतना को देखकर इसलिए नेत्र बंद कर लिए थे,क्योंकि पूतना कुपात्र थी।कुपात्र को देखने से दृष्टि दूषित हो जाती है ,इसलिए भगवान ने उसको देखना उचित नहीं समझा।उन्होंने माखन चोरी लीला के माध्यम से कहा कि भगवान के घर दूध दही की कमी नहीं थी,लेकिन ब्रज की प्रत्येक गोपी भगवान को अपने हाथों से माखन खिलाना चाहती थी,इसलिए भगवान ने गोपियों के मनोरथ को पूर्ण करने के लिए माखन चोरी लीला को माध्यम बनाया।कथा की आरती परीक्षित श्रीमती राम कुमारी एवं राजेन्द्र कुमार सोनी ने की।
कथा का पाठ पं गणेश मुन्ना पस्तोर ने किया।
इस मौके पर पं नितुल व्यास,चेयरमैन प्रतिनिधि राजा जी चौहान,जगमोहन समेले, देवेंद्र सिंह घोष,महेश खरे,राम प्रकाश द्विवेदी,नाथूराम पाठक,मनोज शर्मा,राम नारायण पस्तोर,संजय दोन्दे रिया,सुरेन्द्र कुमार मिश्रा,देवेंद्र यादव दिव्वन,जीतू यादव,बालू प्रधान चंद्रप्रकाश सोनी,जयप्रकाश, राकेश कुमार,पार्षद विनोद कुमार यादव,मोहन फौजी, सोनी,रामप्रताप,रूपेश,भानु,अरविंद,नितेश सोनी पार्षद,लक्ष्मीनारायण पटवा,राम अवतार ,दिल्लीपत,आशीष,आयुष,शुभ सोनी,अश्वनी पस्तोर,राम पाल,ननका ताम्रकार,गणेश त्रिपाठी,ब्रजकिशोर पटेल,हैप्पी पटवा,मुन्नालाल नामदेव ,संतोष गुप्ता ,मिथलेश सेन आदि उपस्थित रहे।