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बुंदेलखंड के जिला झाँसी में बाराद्वारी पर रामनरेश तिवारी के मुख्य आतिथ्य में हुआ दिवारी नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन

 झांसी- भारत देश की संस्कृति का डंका देश मे ही नही अपितु विदेशों में भी बज रहा है भारत देश मे अनेको कलाएं एवँ विधाएं है जिनका अलग अलग क्षेत्र में अलग अलग तरीके से प्रदर्शन किया जाता है आज हम आपको ले चलते है जिला झाँसी के तहसील गरौठा अंतर्गत ग्राम पंचायत चौकरी में स्थित बाराद्वारी नामक स्थान पर जहां विगत कई वर्षों से मोनिया नृत्य जिसे चाचर नृत्य भी कहा जाता है इस विधा को बुंदेलखंडी भाषा में दिवारी कहते हैं! ग्राम चौकरी में पहाड़ी पर स्थित प्राचीन इमारत जिसमें चारो दिशाओं में तीन-तीन दरवाजे सहित कुल 12 दरवाजे हैं और खास बात यह है कि इस इमारत के चारों और 12 गांव स्थित है इसलिए इसका नाम बाराद्वारी है प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा के अनुसार यहां पर दीपावली के दूसरे दिन चाचर नृत्य यानी दिवारी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिसमें दूर-दूर से नृत्य करने वाले लोग टीम बनाकर प्रतियोगिता में भाग लेते हैं प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के अलावा सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है ! बाराद्वारी में आयोजित मेले में 12 गांव के ग्रामवासियों के साथ-साथ समस्त गावो के ग्राम प्रधान, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, उद्योगपति, समाजसेवी, पत्रकार शामिल होते हैं! इसी क्रम में आज आयोजित चाचर प्रतियोगिता में पुरुषों के साथ टीम में महिलाओं का शामिल होकर नृत्य करना आकर्षण का केन्द्र रहा ! नृत्य कर्ताओं द्वारा जमीन पर कांच बिखेर कर उसे पर नंगे पैर चलकर एवं लेट कर नृत्य करता देख लोगो ने दांतो तले उंगलियां दबा ली ! कार्यक्रम के अंत मे विजेता टीमो को रामनरेश तिवारी निदेशक पावर ग्रिड कॉरपोरेशन भारत सरकार, सुशील गुप्ता राष्ट्रीय सचिव द हिंदू फाउंडेशन,अशोक गिरी जिला अध्यक्ष झांसी, अरुण कुमार मिश्रा चेयरमैन गरौठा, शत्रुघ्न सिंह, जितेंद्र पटेल जिला पंचायत सदस्य द्वारा पुरस्कृत कर उनका उत्साह वर्धन किया गया! कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सुशील गुप्ता उद्योगपति के साथ-साथ समाजसेवी भी हैं उनके द्वारा 12 गांव को अप्रत्यक्ष रूप से गोद लिया गया है यहां होने वाले प्रत्येक कार्यक्रम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है उनके अथक प्रयास से आज भी बुन्देखण्ड के बाराद्वारी में आयोजित इस प्रकार की प्रतियोगिता से सांस्कृतिक विरासत जीवित है! मुख्य अतिथि रामनरेश तिवारी द्वारा अपने वक्तव्य में कहा गया कि क्षेत्र मैं आयोजित सांस्कृतिक विरासत के रूप में दिवारी नृत्य के पर्व को सरकार के माध्यम से पूर्ण सहयोग दिलाया जाएगा तथा क्षेत्र के विकास के लिए सदैव तत्पर रहेंगे कार्यक्रम में अशोक गिरी जिला अध्यक्ष झांसी ,रामजी परिहार समाजसेवी, पवन गौतम जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा भी सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हमेशा सहयोग करने का आश्वासन दिया!

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