जिला उद्योग व्यापार मंडल ने भ्रष्टाचार में डूबे विद्युत विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा
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जिला उद्योग व्यापार मंडल ने भ्रष्टाचार में डूबे विद्युत विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा

 

ललितपुर। जहां एक ओर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने की बात कर जीरो टॉलरेंस की नीति लागू करने की बात कर रही है ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके। तो वहीं दूसरी ओर जनपद के विद्युत विभाग में फैला भ्रष्टाचार किसी से छुपा नहीं है । विद्युत विभाग में तैनात अधिकारी और कर्मचारी विद्युत चेकिंग के नाम पर नए कनेक्शन देने के नाम पर किस तरह विद्युत उपभोक्ताओं का उत्पीड़न कर रहे हैंयह भी किसी से छुपा नहीं है। विद्युत विभाग का उत्पीड़न इस कदर बढ़ गया है कि आम लोगों के साथ-साथ व्यापारी भी कारण उठी है जिसका जीता जागता नमूना उसे समय देखने को मिला, जब शनिवार को जिला उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के साथ आम लोग विद्युत विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कलैक्ट्रेट परिसर पहुंचे। जहां उन्होंने जिलाधिकारी को संबोधित कर विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न के संबंध में ज्ञापन दिया। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को यह भी चेतावनी दी कि यदि विद्युत विभाग द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न के मामले में उनकी सुनवाई नहीं होती है, तो वह वृहद धरना प्रदर्शन आंदोलन के लिए वाध्य होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। व्यापारियों का कहना है कि विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारी हर विद्युत उपभोक्ता को चोर समझते हैं और स्वयं को साहूकार । जबकि मामला उल्टा है विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारी चोर है और हम साहूकार हैं जो समय पर विद्युत बिल अदा करने के बाद भी हैरान परेशान घूम रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार जनपद में विद्युत विभाग की बढ़ती मनमानी और उत्पीड़न से तंग आकर शनिबार जिला उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के साथ आम लोगों ने शहर की सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए विद्युत विभाग को घेरा और उनके उत्पीड़न के खिलाफ हुंकार भरी। इस दौरान सभी व्यापारी एकजुट होकर कलेक्ट पर कर पहुंचे जहां उन्होंने विद्युत विभाग द्वारा की जा रही अवैध वसूली और उत्पीड़न के संबंध में जमकर नारेबाजी की और जिलाधिकारी को संबोधित कर अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा। दिए गए ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी लगातार विद्युत उपभोग उपभोक्ताओं को कर बता रहे हैं और स्वयं को साहूकार साबित करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि मामला कुछ उल्टा ही है। विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारी किसी भी समय विद्युत उपभोक्ताओं के घर पर धाबा बोल देते हैं और बिना किसी सूचना के घर में घुसकर विद्युत चेकिंग के नाम पर उपभोक्ताओं का उत्पीड़न कर रहे हैं । आरोप है कि विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारी विधुत कनेक्शन देने में अबैध बसूली कर रहे है, साथ ही चेकिंग के नाम पर उपभोक्ताओं के घर के बाहर लगे विधुत मीटर को टेम्पर्ड बताकर अंधाधुंध भारी भरकम जुर्माना लगाकर बिल थमाकर उनका कनेक्शन काट देते हैं और वसूली के लिए भी उन्हें काफी परेशान किया जाता है। जबकि जो उपभोक्ता लगातार बिल भर रहे हैं और मीटरों की लगातार मीटररीडर जांच कर रहे हैं, तो फिर मी टेंपर्ड कैसे हो सकता है। और यदि मी टेंपर्ड है भी, तो सिर्फ एक माह का ही जुर्माना लगाया जाना चाहिए, ना कि हजारों लाखों रुपए का जुर्माना लगाकर उन्हें बिल थमाया जाना चाहिए। इसके साथ ही विधुत चेकिंग के नाम पर विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा उपभोक्ताओं से अवैध वसूली कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। व्यापारियों ने जिलाधिकारी से उक्त मामले की उच्च स्तरीय जांच कर कर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग उठाई है। इसके साथ ही व्यापारियों ने यह भी चेतावनी दी है, कि यदि उनकी सुनवाई नहीं होती है तो वह वृहद धरना प्रदर्शन आंदोलन के लिए वाध्य होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। दिए गए ज्ञापन पर व्यापार मंडल के आधा सैकड़ा व्यापारियों के हस्ताक्षर बने हुए हैं।


इस मामले में जिला उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुरेश बडेरा का कहना है कि जनपद में विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की काफी गुंडागर्दी चल रही है। विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारी व्यापारियों के साथ-साथ आम लोगों को चोर बताकर उनका उत्पीड़न करने में लगे हुए हैं और अपने आप को साहूकार साबित कर रहे हैं, जबकि विद्युत विभाग की अधिकारी कर्मचारी खुद चोर हैं। विधुत विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की मिली भग से ही विद्युत चोरी के प्रकरण बढ़ रहे हैं, जबकि आम आदमी विद्युत कनेक्शन लेने के बाद लगातार विद्युत बिल की आदायगी कर रहा है। विद्युत विभाग में मीटर टेंपर्ड की बात कर विद्युत उपभोक्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। इसके साथी भारी भरकम जुर्माना लगाकर उनसे बिल भी वसूला जाता है और अन्यथा की स्थिति में उनकी एफआईआर तक कराई जाती है। इसके साथ ही नए कनेक्शन देने में बिना सुविधा सिल्क के नया कनेक्शन नहीं दिया जाता। विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारी किसी भी समय विद्युत उपभोक्ता के घर में घुसकर विधुत चेकिंग के नाम पर कई तरीके से उनका उत्पीड़न करते हैं। उन्होंने विद्युत विभाग के साथ-साथ शासन प्रशासन को आगाह किया कि यदि विद्युत विभाग की यह मनमानी और गुंडागर्दी नहीं थमी तो समूचा व्यापारी एकजुट होकर शासन के खिलाफ वृहद धरना प्रदर्शन आंदोलन करेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी।

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