प्राकृतिक संसाधन संरक्षण समिति ने देखा हैदराबाद स्थित इक्रिसैट संस्थान
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प्राकृतिक संसाधन संरक्षण समिति ने देखा हैदराबाद स्थित इक्रिसैट संस्थान

रिपोर्ट-शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय

गुरसरांय/टहरौली (झांसी)। राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार हरगोविंद कुशवाहा के नेतृत्व में प्राकृतिक संसाधन संरक्षण समिति के सदस्यों ने हैदराबाद तेलंगाना स्थित इक्रिसैट ( अर्ध शुष्क उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों के लिये अंतराष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान) के अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय देखा। टहरौली क्षेत्र से गए प्रतिनिधि मंडल ने यहां संस्था के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। लगभग 3500 एकड़ के विस्तृत क्षेत्र में फैले इस संस्थान में लगभग 1300 वैज्ञानिक, इंजीनियर एवं कर्मचारी कार्यरत रहते हैं। जो विभिन्न प्रदेश एवं देश मे चल रहे कार्यों को संचालित करते हैं। यूनाइटेड नेशन के अंतर्गत आने बाला यह संस्थान दुनियां भर में बर्षा आधारित खेती जैसे ज्वार, बाजरा, चना, मूंगफली, अरहर आदि फसलों का वैज्ञानिक विश्लेषण करता है इसके साथ ही जल संरक्षण एवं संवर्धन का भी कार्य करता है। यहां इस किस्म की फसलों के लगभग 1 लाख प्रकार की किस्में डीप फ्रीज पर रखी गईं हैं। टहरौली तहसील अंतर्गत 40 ग्रामों में जल संचयन को लेकर कार्य चल रहा है। यहां जल संचयन के अलावा फसल सुधार और बृक्षारोपण और का भी कार्य किया जा रहा है, आगे संस्थान का प्रयास रहेगा कि किसानों की आय में बृद्धि की जाए। समिति सदस्यों के साथ इक्रिसैट हैदराबाद में आयोजित बैठक में तहसील टहरौली के 40 ग्रामों के अलावा भी सूखा प्रभावित अन्य ग्रामों में भी जल संचयन के कार्य पर विचार किया गया। शेष ग्रामों में भी इसी प्रकार की परियोजना बनाये जाने पर विस्तृत चर्चा की गई। इक्रिसैट, प्राकृतिक संसाधन संरक्षण समिति औऱ जनता के सहयोग से पूरी तहसील को पानी की समस्या से जल्दी ही 2027 तक मुक्ति दिलाने की तैयारी है। जब टहरौली तहसील हरित क्षेत्र में विकसित हो जाये जहां जलस्तर ऊपर आ जाये, किसानों का उत्पादन बढ़ जाये, किसान परम्परागत खेती के अलावा अन्य कृषि आधारित कार्यों शब्जी, फल, मधुमक्खी पालन आदि के द्वारा अपनी आय बढ़ाने लगे, और सामूहिक सहयोग से निवेश की लागत घटाने लगे। भूमि के जल एवं उत्पादन की गुणवत्ता में बृद्धि हो जाये। इस प्रकार जब एक तहसील मॉडल के रूप में विकसित हो जाये तब इस प्रकार के कार्यों के द्वारा पूरे बुंदेलखंड को हरा भरा बनाया जा सकता है जहां आम आदमी के जीवन स्तर को बेहतर बनाया जा सके। इस मौके पर
राज्यमंत्री हरगोविंद कुशवाहा, डिप्टी डायरेक्टर जनरल रिसर्च अरविंद कुमार, ग्लोबल रिसर्च प्रोग्राम डायरेक्टर एम.एल.जाट, आई आर पी डी एशिया अशोक कुमार, डॉक्टर रमेश सिंह क्लस्टर लीडर इक्रिसैट डेवलपमेंट सेंटर, प्राकृतिक संसाधन संरक्षण समिति के अध्यक्ष आशीष उपाध्याय, रामेश्वर शर्मा, सदस्य जिला पंचायत रजनी गौतम, दीनदयाल पटेल भड़ोखर,रचना राजा, जयनारायण वर्मा, मिथलेश, डॉकौशल गर्ग, डॉक्टर अनंता, डॉक्टर आर वेंकट राधा, डॉ कपिल, डॉक्टर रोहन, इंजी. नागराजू, डॉक्टर सौरभ, इंजी.शिशुवेंद्र, इंजी. दीपक त्रिपाठी, इंजी. विजय सिंह ,डॉक्टर इसरार,डॉक्टर रेड्डी आदि उपस्थित रहे।

बुंदेलखंड के किसानों के लिए योजना होगी वरदान साबित-
हरगोविंद कुशवाहा

हैदराबाद उक्त संस्थान मैं भ्रमण करने के बाद पत्रकारों से मुखातिब होते हुए राज्यमंत्री हरगोविंद कुशवाहा ने कहा यह योजना बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्र के किसानों की जिंदगी में खुशहाली लाने के लिए और उनका आर्थिक मूलभूत ढांचा मजबूत करने की दिशा में एक वरदान साबित होगा और देश के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले बेहतरीन पैदावार किसान स्वयं करके जहां आत्मनिर्भर बनेगा वहीं तकनीकी खेती से वह नई ऊंचाइयों को छूकर बुंदेलखंड का किसान न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में विकास की एक नई पटकथा लिखेगा और मेरा प्रयास होगा उत्तर प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से गुजारिश करूंगा की बुंदेलखंड के पूरे क्षेत्र में उक्त योजना संचालित की जाए ताकि बुंदेलखंड का किसान आर्थिक रूप से सशक्त मजबूत हो सके।

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