शरद अग्रवाल जिला ब्यूरो चीफ छतरपुर
छतरपुर /बक्सवाहा/सर स्कूल कब खुलेगा….. कब तक हम ऐसे ही खड़े रहेंगे, कुछ ऐसे ही सवाल शुक्रवार को विकासखंड के अंतर्गत आने वाले एकीकृत माध्यमिक शाला बिछोंन के विद्यार्थियों के जहन में चल रहे थे , क्योंकि स्कूल खुलने के समय तक ना तो प्राचार्य शाला पहुंचे और न ही कोई शिक्षक पहुंचा शिक्षक अपनी मर्जी से स्कूल आते हैं शुक्रवार को भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है सुबह 11:30 बजे तक स्कूल नहीं खुला था बच्चे स्कूल के गेट पर खडे होकर शिक्षकों का इंतजार कर रहे थे जिनका कहना था कि रोजाना स्कूल देर से खुलता है स्कूल प्राचार्य भी इसके प्रति गंभीर नहीं है शिक्षकों की मनमानी से स्कूल आने वाले बच्चे स्कूल के बाहर खड़े रहने को मजबूर थे शिक्षक बच्चों की पढ़ाई को लेकर गंभीर नहीं है यही कारण है कि गांव में शिक्षकों की लापरवाही के कारण पढ़ाई व्यवस्था ठप होने से पालक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पहुंचा रहे हैं एक तरफ शासन सरकारी स्कूलों में बच्चों को आकर्षित करने के लिए गणवेश से लेकर किताब, साइकिल, छात्रवृत्ति, मध्यान भोजन योजनाये संचालित कर रहा है उसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में लापरवाही के कारण स्कूलों के नजारे आम हो गए है
बच्चों को स्वयं धोने पड़ते बर्तन
विकासखंड के अंतर्गत आने वाले एकीकृत माध्यमिक शाला बीछोंन में एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है इस विद्यालय के बच्चों को भोजन करने के बाद बर्तन धोने पड़ते है शिक्षा के अधिकार के तहत मिड डे मील आहार देने के तौर तरीके पर सवाल खड़े हो रहे हैं सरकार नारा दे रही है कि पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया लेकिन सरकारी स्कूलों में मिड डे मील ग्रहण करने के बाद नौनिहालों को बर्तन धोने पर विवश किया जा रहा है
यहां हालात इतने खराब हैं की बच्चों को स्कूल में मिलने वाला मिड डे मील भोजन न केवल आवारा कुत्तों के बीच खाना पड़ रहा है, बल्कि अपने खाने के बर्तन खुद साफ करना पड़ रहा है स्कूल परिसर में घूमने वाले आवारा कुत्तों के बीच मिड डे मील का भोजन करना पड़ रहा है
इनका कहना हैं
पवन राय विकासखंड शिक्षा अधिकारी बक्सवाहा
इस संबंध में आपके द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है और अगर इस तरह का मामला बिछोन स्कूल में पाया जाता है तो निश्चित तौर पर ही अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी