ललितपुर। इस समय हिंदी मास के अनुसार अभी भादों का महीना चल रहा है और यह सावन भादो का महीना विशेष रूप से बरसात के लिए जाना जाता है। लेकिन वर्तमान समय में जनपद की हालत सुखे जैसे बन चुके हैं । पिछले कई दिनो से बारिश न होने के कारण अन्नदाताओं के चेहरों पर चिंता की लकीरें स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं। इतना जरूर है कि कभी-कभी थोड़ी बहुत बारिश जरूर हुई लेकिन वह फसलों के लिए पर्याप्त नहीं थी जिस कारण खेतों में बोई हुई खरीफ की फसले अब सूखने की कगार पर हैं। इसके साथ ही नहरों का संचालन भी नहीं हो रहा है या फिर हो रहा है तो अल्प समय के लिए होता है जिसे सभी किसान लाभान्वित नहीं हो पाए। उक्त संदर्भ को लेकर भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट परिसर पहुंचकर को ज्ञापन देकर जनपद को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग उठाई । इसके साथ ही भारतीय किसान संघ ने अपनी अन्य मांगों के लिए हुंकार भरी और मांगे ना पूरी होने की दशा में वृहद धरना प्रदर्शन आंदोलन की भी चेतावनी दी।
सोमवार को नवागंतुक जिलाधिकारी के प्रभार ग्रहण करते ही भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं ने किसानों की कई मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के नाम उप जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। जिलाधिकारी के नाम सौंप गए ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि जनपद में बारिश नहीं होने के कारण सूखे जैसे हालात बन चुके हैं । यहां पर अन्नदाताओं के माथे पर सूखती हुई फसलों को लेकर चिंता की लकीरें स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं। इन दिनों किसानों के खेतों में बोई हुई मूंगफली उड़द मक्का तीली सोयाबीन आदि की फसलें सूखने की कगार पर हैं और कई किसानों की फसले तो सूख चुकी हैं, इसलिए जनपद को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया जाए। इसके साथ ही किसानों के खातों में विधिवत रूप से फसल बीमा का पैसा भी जमा करवाया जाए, साथ ही क्षतिग्रस्त फसल राशि भी किसानों के खातों में जमा करवाई जाए। इसके साथ-साथ जनपद में नहरों का संचालन समय अनुसार करवाया जाए, ताकि किसानों की सूखती हुई फसलों को जीवनदान मिल सके। क्योंकि जनपद में या तो नहरों का संचालन हो नहीं रहा है और यदि हो रहा है तो समय से नहीं हो रहा है, जिस कारण किसानों को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ-साथ जनपद में बांधों के निर्माण में जो किसानों की भूमि अर्जित की गई है, उसका मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया है । अभी भी कई ऐसे किसान हैं जो बांधों में गई अपनी जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर लगातार प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं । इसीलिए जिन किसानों के मुआवजा की राशि नहीं मिली है उनके मुआवजा की राशि उनके खातों में जल्द से जल्द पहुंचाई जाए । इसके साथ ही भारतीय किसान संघ ने प्रशासनिक अधिकारियों को आगाह किया कि यदि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया और किसानों के हितों में उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया, तो भारतीय किसान संघ ब्रह्द धरना प्रदर्शन आंदोलन के लिए बाध्य होगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी । दिए गए ज्ञापन पर भारतीय किसान संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर बने हुए हैं।
जनपद में बारिश न होने से बने सूखे जैसे हालातों से अन्नदाता के माथे पर चिंता की लकीरें
