रिपोर्ट-अजीत नायक मऊरानीपुर
मऊरानीपुर शासन चाहे कितना प्रयास कर ले कि उसके शासन में पीड़ितो को जल्दी न्याय मिले अधिकारी समय पर पीड़ित की समस्याओं को निपटाए।लेकिन शासन के अधीनस्थ प्रशासनिक अधिकारियों की खाऊं कमाऊ नीति के चलते शासन द्वारा न्याय के लिए कई हेल्प लाइन,सम्पूर्ण समाधान दिवस सिर्फ कागजों में ही चल रहे हे।बाकी इनकी हकीकत कुछ और है।पीड़ित या तो अधिकारियों की चौखट पर महीनो न्याय की गुहार लगाते देखे जाते हे या प्रदेश या जिले में पोर्टल के माध्यम से या शिकायती प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कार्यालय पर बैठे बैठे ही बिना जांच किए निस्तारण कर देते हे।जबकि शिकायत कर्ताओं को मालूम ही नहीं चलता और वे न्याय के लिए आस लगाए बैठे रहते हे।इसी तरह का एक मामला मऊरानीपुर तहसील परिसर में सम्पूर्ण समाधान दिवस में देखने को मिला जब पठाकरका निवासी नवल जो महीनो से सम्पूर्ण समाधान दिवस पोर्टल व प्रदेश व जिले के अधिकारियों को अपनी समस्या में न्याय पाने के लिए प्रार्थना पत्र दे कर जमीन पर दबंगों से कब्जा हटाए जाने के लिए अधिकारियों की चौखट पर नाक रगड़कर न्याय की भीख मांगते मांगते परेशान हो गया तो उसने इस बार सम्पूर्ण दिवस में अपने गले में अभी तक दिए गए प्रार्थना पत्रों को गले में माला पहनी और फिर सम्पूर्ण समाधान में पहुंच गया।
मऊरानीपुर से जीत नायक की रिपोर्ट