सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया
पनवाड़ी। मानसिक रोगियों के इलाज के लिए मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान तकरीबन ढाई सैकड़ा लोगों का चैकअप किया गया, जिनमें से 65 मरीज विभिन्न मानसिक बीमारियों से ग्रस्त पाए गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी आशाराम, नोडल अधिकारी डॉ वीके चौहान और उनकी टीम द्वारा शिविर में आए चार मरीजों को मानसिक दिव्यांग प्रमाणपत्र दिए गए।
कार्यक्रम के दौरान मनो चिकित्सकों और विशेषज्ञों ने मानसिक रोग के बारे में लोगों को जागरूक किया तथा उपचार एवं अधिकारों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। बताया गया कि मानसिक बीमारी का उपचार संभव है। जिसकी जागरूकता के लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार ने जिला स्तरीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की है। जिससे मानसिक रोगियों का समुचित इलाज किया जा सके। सरकार की यह मंशा है कि ऐसे मानसिक रोगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उन्हे मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाए। यही नहीं ऐसे रोगियों जिनके नाम चल अचल सम्पत्ति है उन्हें न्यायिक संरक्षण एवं विधिक सलाह की व्यवस्था कराई जाए।
शिविर के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि मानसिक रोगी को किसी भी प्रकार की शारीरिक प्रताड़ना देना गैर कानूनी है। मानसिक रोग से ग्रसित मरीज का सही समय पर उपचार न होने से उनका जीवन अंधकारमय हो सकता है। इस बीमारी के मुख्य लक्षण बुद्धि का कम विकास होना, उलझन, घबराहट, नींद ना आना या नींद कम आना, मिर्गी के दौरे, चिड़चिड़ापन, एक ही काम को बार-बार करना, साफ-सफाई अधिक करना, मन में उदासी, पढ़ाई में मन न लगना, परीक्षा के समय डर लगना, नकारात्मक विचार आना, आत्महत्या के विचार आना, भूत प्रेत का भय इत्यादि मानसिक बीमारी के लक्षण हैं। ऐसे रोगियों के इलाज में परिजनों को बेहद सावधानी बरतने की आवश्कता है। इस प्रकार के किसी भी लक्षण से ग्रसित व्यक्ति को मानसिक रोग की समस्या हो सकती हे। ऐसे में तुरन्त किसी भी मानसिक रोग चिकित्सक से इलाज करा कर अपना जीवन सुखमय बना सकते है। शिविर में मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि श्री प्रकाश अनुरागी, स्थानीय अधीक्षक डॉक्टर रामगोपाल शंखवार, जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई महोबा के डॉ धर्मेंद्र गुर्जर, डॉ कनिष्क माहुर, डॉ गीतांजली, डॉ किरन, डॉ ज्योत्सना के साथ अन्य लोग मौजूद रहे।