रिपोर्ट -शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय
गुरसरांय (झाँसी)। पूरे प्रदेश में एक ही दिन वृक्षारोपण महा अभियान 2023 को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में 35 करोड़ वृक्षारोपण होना है लेकिन पिछले 2 वर्षों से सरकार द्वारा वन रेंज गुरसरांय में शासन की इस महत्वपूर्ण योजनाओं को यहां तैनात वन क्षेत्राधिकारी द्वारा पूरी योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है और आज 4 जुलाई 2023 को इसका श्री गणेश वृक्षारोपण महा अभियान समीपस्थ वन रेंज बामौर,गरौठा में हो गया है लेकिन गुरसरांय वन रेंजर द्वारा सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का पूरी तरह खिलवाड़ किया जा रहा है और अभी तक वृक्षारोपण को लेकर किसी प्रकार की तैयारी धरातल पर उतरती नजर नहीं आ रही आज हमारे प्रतिनिधि ने जब वन रेंजर गुरसरांय से फोन पर पूछा की आपके यहां कहां वृक्षारोपण का शुरुआत अभियान चालू हुआ है तो उन्होंने बताया की 7 जुलाई को वृक्षारोपण का कार्यक्रम करेंगे इस प्रकार जानबूझकर साल दर साल सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं को करोड़ों रुपया खर्च होने के बाद भी धरातल पर मजाक बनाया जा रहा है बता दे पर्यावरण एवं जल संरक्षण के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार बड़े स्तर पर शासकीय स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम चला रही है और वृक्षारोपण धरातल पर शत-प्रतिशत सफल हो सके इसके लिए वर्ष 2021-22 वर्ष 2022-23 मैं वृक्षारोपण के सत्यापन हेतु जिला स्तर पर नोडल अधिकारी तैनात किए गए थे।वन विभाग के कार्यालयों के माध्यम से क्षेत्रों में नर्सरी बड़े पैमाने पर पौधों को रोपित कर रही हैं और इस काम में मनरेगा से लेकर उत्तर प्रदेश शासन की विभिन्न मदो से धन आवंटन किया जा रहा है । लेकिन झांसी जिले के वन क्षेत्र गुरसरांय मैं बनी नर्सरी से लेकर गुरसरांय क्षेत्र की नर्सरी पौधों को विकसित नहीं किया गया और जिसके चलते जिला स्तर से चाहे नगर पालिका हो या सिंचाई विभाग हो ए टू जेड सभी विभागों को पौध वृक्षारोपण हेतु रेंज के द्वारा समय से उपलब्ध नहीं करा पाई जिसके चलते वृक्षारोपण कार्यक्रम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया उधर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा किए गए वृक्षारोपण का सत्यापन किया जाना था लेकिन गुरसरांय सहित पूरे जिले में ऐसा लग रहा है कि यह योजना धराशाई हो गई हो और भ्रष्टाचार प्रमुख कारण सामने आ रहा है वृक्षारोपण और नर्सरी गुरसरांय कितने किन किन विभागों को पौधे आवंटित किए गए हैं और वर्तमान में वृक्षारोपण की क्या स्थिति है इसको लेकर डीएफओ झांसी से हमारे प्रतिनिधि ने दूरभाष पर जानकारी ली तो उन्होंने सीधा-सीधा टालमटोल कर उत्तर दिया कि कार्यालय से जानकारी करें आखिर जिले के प्रमुख डीएफओ की क्या जबाबदेही है। लग रहा है वृक्षारोपण और वन विभाग द्वारा की जा रही भ्रष्टाचारी को लेकर क्या पर्दा डाले हुए हैं क्योंकि समाचार लिखे जाने तक वृक्षारोपण की मॉनिटरिंग और सत्यापन की रिपोर्ट अभी तक उजागर नहीं हुई है और न तो और गुरसरांय रेंज में जो रैंजर है वह इसी विधानसभा क्षेत्र के निवासी है और इनके कार्यकाल में जलालपुरा, मोतीकटरा आदि से बालू का अवैध खनन लगातार किया जा रहा है और वहाँ पर उन्होंने अपने लोगों को तैनात कर रखा है इसके पहले भी बन रैंजर और एक दरोगा के बीच में बहुत तू- तू बढ़ गई थी लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों में रहने के बाद भी ना तो इस प्रकरण की गहराई से कोई जांच हो रही है और ना ही शासन द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन नही हो रहा है।जिसके चलते प्रदेश सरकार की वृक्षारोपण पर्यावरण जल संरक्षण आदि महत्वपूर्ण योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है।लोगों ने प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन से इस संबंध में कार्रवाई की पहल की है।