रिपोर्ट -शौकीन खान/कौशल किशोर गुरसरांय
गुरसरांय (झांसी)। माता पिता गुरु और असहाय दीन दुखियों की सेवा करना ही सच्चा ईश्वर से मिलन है उक्त विचार एक सामाजिक कार्यक्रम में कुंवर नरेश सिंह परिहार ने व्यक्त करते हुए बताया की लोगों को प्राचीन परंपरा संस्कृति और रामायण का समावेश अपने जीवन में करके जन्मोत्सव और शादी सालगिरह आदि कार्यक्रमों को माता पिता गुरु की पूजा करके सेवा करके साथ ही असहाय लोगों की बिना प्रदर्शन के सेवा करना ही सच्चा ईश्वर मिलन हैं और पाश्चात्य सभ्यता से पूरी तरह दूरी बनाकर रामायण को अपने जीवन में आत्मसात करके जीवन की बैतरणी पार लगाना चाहिए।